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Vastu Tips: पति के साथ खाना खाने वाली महिला जान लें ये जरुरी बात, वरना घर में होगा बुरी शक्तियों का राज

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हमारे देश में खाने को 'अन्न देवता' के रुप में पूजा जाता हैं। इसलिए खाने से पहले लोग हाथ, पैर और मुंह धोते हैं और फिर अन्नपूर्णा माता को नमन कर भोजन ग्रहण करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, किचन में कभी भी बिना नहाए नहीं जाना चाहिए। सुबह का नाश्ते से तीन रोटियां, जिसमें एक गाय की, दूसरी कुत्ते और तीसरी कौआ के लिए निकालनी चाहिए। इन तीनों रोटियों में छोटा सा टुक्ड़ा तोड़कर अन्नदेवता को समर्पित करना चाहिए। उसके बाद ही रोटियां घर वालों को परोसे। वास्तु शास्त्र के मुताबिक ऐसा करने से घर में बरकत आती हैं। परिवार पर आया संकट टल जाता हैं। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें-  

भोजन करने की दिशा भोजन हमेशा पूर्व-उत्तर की ओर मुख करके ही ग्रहण करना चाहिए।

दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया गया भोजन प्रेत को प्राप्त होता है। ऐसा करने से घर में प्रेत आत्माएं आकर्षित होती हैं।

पश्चिम दिशा की ओर किया गया भोजन रोगों की वृद्धि करता है।

बिस्तर पर बैठकर भोजन करना, अपने हाथों में भोजन लेकर खाना या फिर टूटे-फूटे बर्तनों में भोजन ग्रहण अशुभ होता हैं।

ध्यान रहें कि कभी भी कंजूस के हाथ से, वैश्या के हाथों से, शराब बेचने वाले का दिया हुआ भोजन, ब्याज का धंधा करने वाले व्यक्ति के यहां भोजन नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति को नर्क की यातानाएं झेलनी पड़ती हैं। महाभारत के अनुसार, भीष्म पितामह कहते हैं कि, भोजन के दौरान आपकी थाली में अगर बाल या कंकड़ आ जाये तो उसे वहीं पर छोड़ देना चाहिए। बाल आने के बाद भी खाए जाने वाले भोजन से दरिद्रता का सामना करना पड़ता है। आपके भोजन की थाली को अगर कोई व्यक्ति लांघ जाए या भोजन की थाली को ठोकर लग जाए तो ऐसा भोजन दूषित हो जाता है।

भीष्म पितामह ने अर्जुन को बताया था कि, एक थाली में जब भाई-भाई भोजन करें तो वो भोजन अमृत के समान हो जाता है। ऐसे भोजन से धन-धान्य, स्वास्थ्य और लक्ष्मी की वृद्धि होती है। ऐसे भाई को नर्क नहीं जाना पड़ता और ऐसे भाईयों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं भीष्म पितामह के अनुसार, पति-पत्नी को एक थाली में भोजन करने को निषेद्य माना जाता है। भीष्म पितामह के अनुसार, एक ही थाली में पति-पत्नी भोजन करते हैं तो ऐसी थाली को मादक पदार्थों से भरी थाली माना जाता है। पत्नी को पति के भोजन करने के उपरांत ही भोजन करना चाहिए। जिससे घर में सुख-समद्धि बढ़ती रहे और सात जन्मों तक का साथ मिल जाए।