तिरुपति बालाजी मंदिर में क्यों करते हैं बाल दान और क्या है इसकी परंपरा? जानिए रोचक कहानी

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देश के सबसे रहीस मंदिर तिरुपति बालाजी से कई सारे रहस्‍य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर में रोजाना दर्शन करने के लिए देश-विदेश से बड़ी तादाद में भक्‍त पहुंचते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां  भक्‍त अपने सिर के बाल दान करके जाते हैं और शायद ही दुनिया के किसी अन्य मंदिर में ऐसा नियम होगा। मान्यता है कि तिरु‍पति बालाजी में व्‍यक्ति अपने जितने बाल दान करता है भगवान उससे 10गुना धन लौटाते हैं। यहां बाल दान करने वालों पर मां लक्ष्‍मी की विशेष कृपा रहती है।</p>
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<strong>महिलाएं भी दान करती हैं बाल</strong></p>
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भगवान वेंकटेश्‍वर के इस मंदिर में न केवल पुरुष बल्कि महिलाएं भी अपने केश दान करती हैं। महिलाएं धन प्राप्ति के अलावा भी अन्य कई मुरादें मांगती है और मन्‍नत पूरी होने पर अपने लंबे बाल दान करती हैं। यह भी कहा जाता है जो व्‍यक्ति तिरुपति बालाजी में अपने बाल दान करके जाता है, वह बालों के रूप में अपने पाप और बुराइयों को भी यहां छोड़कर चला जाता है। आमतौर पर रोज यहां 20हजार लोग अपने बाल दान करते हैं। इसके लिए 500से ज्‍यादा नाई यहां पर हर रोज अपनी सेवाएं देते हैं।</p>
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<strong>क्यों बाल दान किए जाते हैं?</strong></p>
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बता दें, तिरुपति में बाल दान करने से मां लक्ष्‍मी की कृपा पाने और सभी मनोकामनाएं पूरी होने के पीछे एक पौराणिक वजह है। दरअसल, प्राचीन काल में भगवान बालाजी के विग्रह पर चीटियों का पहाड़ बन गया था, उस पहाड़ पर रोजाना एक गाय आती थी और दूध देकर चली जाती थी। इससे गाय का मालिक नाराज हो गया और उसने कुल्‍हाड़ी से गाय का वध कर दिया। इस हमले के दौरान बालाजी के सिर पर भी चोट लग गयी साथ ही उनके सिर के बाल भी गिर गए। तब उनकी मां नीला देवी ने अपने बाल काटकर बालाजी के सिर पर रख दिए। ऐसा करते ही भगवान का जख्‍म तुरंत ठीक हो गया।</p>
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इसी बात से खुश होकर भगवान नारायण ने कहा कि बाल शरीर को सुंदरता देते हैं और आपने मेरे लिए उनका आसानी से त्‍याग कर दिया। इसलिए आज से जो भी मेरे लिए अपने बालों का त्‍याग करेगा, उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाएगी। तब से ही भक्‍त बालाजी मंदिर में अपने बाल कर रहे हैं। आज भी तिरुपति बालाजी के मंदिर के पास एक पहाड़ को नीलादरी हिल्स कहते हैं और इसके पास मां नीला देवी का मंदिर भी है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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