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R. Day Violence: ‘लुक आउट’ नोटिस से धुल जाएगा लाल किले का अपमान!

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गणतंत्र दिवस पर हिंसा और लालकिले को अपमानित करने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का एक्शन शुरु हो चुका है। जिन लोगों की पहचान हो चुकी है उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश भी डाली जा रही है। आंदोलन को हिंसक रूप देने के लिए जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिए गए हैं। लुक आउट नोटिस जारी करने का मतलब होता है कि ये लोग देश छोड़कर भाग नहीं पाएंगे। देश के सभी एयरपोर्ट और अंतर्राष्ट्रीय सीमा चौकियों पर नाम और फोटो सहित इन लोगों की जानकारी पहुंचा दी गई है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि लाल किले का अपमान करने वालों के देश द्रोह का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।</p>
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<span style="color:#f00;"><strong>संयम और धैर्य के बावजूद लाल किला अपमानित</strong></span></p>
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<img alt="26 Jan Violence Lal Kila Apmanit" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/26_jan_Violence_8_delhi_la_kila_apmanit" style="width: 700px; height: 496px;" /></p>
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सवाल उठ रहा है कि 26 जनवरी को हुई घटनाओं के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों की सक्रियता दिखाई दे रही है वो 26 जनवरी से पहले क्यों नहीं थी। दिल्ली पुलिस के कमिश्मनर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस को एक दिन पहले ही पता चल गया था कि आंदोलन उग्र नेताओं के हाथ में चला गया था। बकौल दिल्ली पुलिस कमिश्नर उन्हें यह भी शक था कि आंदोलन की आड़ में हिंसा होगी, पुलिस को गोली चलाने के मजबूर किया जाएगा। सभी विकल्प होने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने न गोली चलाई और न कहीं भारी बल प्रयोग किया। इसके उल्टे उपद्रवियों के लाठी-डंडे भाले-तलवार और पत्थरों का सामना दिल्ली पुलिस बड़े संयम से करती रही। दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की सारी बातें ठीक और दिल्ली पुलिस की कार्रवाई की भी प्रशंसा की जानी चाहिए। लेकिन दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के पास और कोई विकल्प नहीं था। या उन विकल्पों का बुद्धिमत्ता से प्रयोग नहीं किया गया।</p>
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<span style="color:#f00;"><strong>दिल्ली में खो गई एनएन श्रीवास्तव की काबिलियत</strong></span></p>
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<img alt="26 Jan Violence, Delhi Police Commissioner SN Srivastava" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/26_jan_Violence_7_delhi_police_commissioner_sn_srivastava.jpg" style="width: 700px; height: 496px;" /></p>
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इन विकल्पों में से एक आंदोलनकारियों को दिए गए रूट के अलावा बॉर्डर से दिल्ली की ओर आने वाले सभी मार्गों पर स्थाई अवरोध खड़े किए जा सकते थे। कुछ नेताओँ को प्रिवेंटिव कस्टडी में लिया जा सकता था। दिल्ली पुलिस को अहसास हो गया था कि दर्शनपाल सिंह या राकेश टिकैत गड़बड़ी कर सकते हैं तो कम से कम इनकी या इन जैसे नेताओं की प्रिवेंटिव कस्टडी ली जा सकती थी। बहरहाल, होने को तो और भी बहुत कुछ हो सकता था। जब जम्मू-कश्मीर में बिना एक गोली चलाए अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया को लागू किया जा सकता था तो दिल्ली में भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता था। पुलिस के हाथ बांध कर सीने पर सहनशीलता का तगमा लगाना दोयम दर्जे की कार्रवाई ही कही जा सकती है। हां, पुलिस बल प्रयोग भी न करती और ट्रैक्टर मार्च उन्हीं मार्गों से निकलता जिन को पुलिस ने तय किया था तो सहनशीलता और बुद्धिमत्ता दोनों तगमे सीने पर चमचमा रहे होते।</p>
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<strong><span style="color:#f00;">मनोवैज्ञानिक दबाव में दिल्ली पुलिस</span></strong></p>
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<img alt="" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/26_jan_Violence_2.jpg" style="width: 700px; height: 496px;" /></p>
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दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव के पास कई और भी तर्क हो सकते हैं। लेकिन वो तर्क न तो दिल्ली पुलिस पर पड़े उस मनोवैज्ञानिक असर को कम कर सकते हैं जिससे वो जूझ रहे हैं और न लाल किले के वो काले क्षण कभी भुलाए जा सकते हैं जो दुनिया भर में हर हिंदुस्तानी का सिर शर्म से झुका देते हैं। दिल्लीके ‘सभ्य’पुलिस अफसरों की कार्रवाई देखिए कि जिन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। ऑडियो-वीडियो के साथ सुबूत मुहैया हैं उनको भी नोटिस देकर पूछ रहे हैं कि क्यों न आपके खिलाफ कार्रवाई की जाए। यह वैसे ही है जैसे त्रेता युग में सीता के अपहरण के अपराध में रावण को नोटिस भेज कर पूछा जाए कि बताओ क्यों न तुम्हारा संहार किया जाए।</p>
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<strong><span style="color:#f00;">योगेंद्र यादव को भी नोटिस</span></strong></p>
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<img alt="26 jan violence yoendra yadav" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/26_jan_Violence_3.jpg" style="width: 700px; height: 496px;" /></p>
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दिल्‍ली पुलिस ने कई किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। दिल्‍ली पुलिस अब इन नेताओं के पासपोर्ट जब्त करेगी। इससे पहले, पुलिस ने किसान नेताओं से पूछा था कि वे बताएं कि तय समझौते का उल्‍लंघन करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई क्‍यों न की जाए। किसान नेताओं को जवाब देने के लिए तीन दिन का वक्‍त दिया गया है। नोटिस 20से ज्‍यादा किसानों को दिए गए हैं जिनमें योगेंद्र यादव, बलबीर राजेवाल, बलदेव सिंह सिरसा जैसे नाम शामिल हैं।</p>
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<span style="color:#f00;"><strong>घोर राष्ट्र विरोधी कृत्य</strong></span></p>
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<img alt="26 Jan Violence" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/26_jan_Violence_5.jpg" style="width: 700px; height: 496px;" /></p>
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दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हिंसा को "सबसे निंदनीय और राष्ट्र विरोधी कृत्य" करार दिया है। पुलिस कमिश्‍नर एसएन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि 26जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा। नोटिस में ट्रैक्टर परेड के लिए निर्धारित शर्तों के उल्लंघन का भी हवाला दिया गया है। पुलिस ने क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल से कहा कि वह अपने संगठन से जुड़े दोषी लोगों के नाम बताएं जो हिंसा में शामिल थे।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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