भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ अब रामनगरी अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी भी शुरू हो गयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले से ही अयोध्या के विकास को लेकर संजीदा हैं। उनकी संजीदगी के चलते पहले से ही विकास की कई योजनाओं पर काम चल रहा है। कुछ पाइपलाइन में हैं।
भूमिपूजन के दिन 5 अगस्त, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में अयोध्या के कायाकल्प और इसके नाते पूरे क्षेत्र में बन रही संभावनाओं का जिक्र किया था। उम्मीद थी कि इसी दिन करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण भी होगा, पर कुछ वजहों से इस कार्य को टाल दिया गया।
फिलहाल सरकार की योजना में और बहुत कुछ शामिल है। खास बात यह है कि यहां जो कुछ भी होगा, सब राममय होगा। मसलन एयरपोर्ट राम के नाम होगा तो मेडिकल कॉलेज जनकपुर के राजा और सीता के पिता दशरथ के नाम पर पर होगा। राम की पौढ़ी को हरिद्वार की हर की पौढ़ी की तर्ज पर बनाने की भी योजना है।
गुप्तार घाट से लेकर न्यायघाट तक करीब 10 किमी लंबा रीवर फ्रंट, वैदिक सिटी, सड़कों का चौड़ीकरण, भूमिगत केबिल, पंच कोसी परिक्रमा मार्ग का पुनरुद्घार, मल्टीलेवल पार्किंग, सरयू को अविरल और निर्मल बनाने के लिए अयोध्या और फैजाबाद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बस स्टैंड आदि बनाना सरकार की कार्ययोजना में शामिल है। राम सर्किट और स्वदेश दर्शन योजना के तहत घाटों के सुंदरीकरण के साथ और भी कई काम पहले हो चुके हैं।
अयोध्या के परियोजना निदेशक (डीआरडीए) और नोडल अधिकारी कमलेश सोनी ने आईएएनएस को बताया कि रानगरी अयोध्या में करीब 2,000 करोड़ रुपये से कायाकल्प होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि सहादत गंज से नयाघट राम की पौढ़ी तक फोर लेन बनायी जाएंगी। इसके बीच में आने वाली 800 दुकानों को शिफ्ट किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चार हजार बसों के लिए और छोटे वाहनों की पार्किंग बन रही है। गोंडा बस्ती अयोध्या प्रट्रोल पम्प के पास 10 हजार बसों के लिए पार्किंग बन रही है। इसके अलावा 600 एकड़ में टाउनशिप बन रही है। टाउनशिप बनाने के लिए जितने लोगों को यहां से शिफ्ट किया जाएगा, उन सभी को इसी टाउनशिप में रियायित दरों में रहने की सुविधा दी जाएगी। रामजन्मभूमि के लिए एक एलिवेटेड रोड बन रही है।
अयोध्या के नगर आयुक्त नीरज शुक्ल ने कहा कि अयोध्या के विकास और रोजगार के लिए बहुत सारी योजनाओं पर काम चल रहा है। इनमें से कई धरातल पर दिखने भी लगी हैं। इन योजनाओं से आर्थिक प्रगति और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
खास बात यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास को लेकर खुद बेहद संजीदा हैं। उनका सपना ऐसी भव्य और दिव्य अयोध्या बनाने का है जो प्रभु श्रीराम की कीर्ति और यश के अनुरूप हो। यही वजह है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वह लगातार नियमित अंतराल पर अयोध्या आते रहे हैं। अब तक के कार्यकाल में वह करीब दो दर्जन बार अयोध्या जा चुके हैं। ऐसा करने वाले वह इकलौते मुख्यमंत्री हैं।
अपनी हर यात्रा में उन्होंने अयोध्या के विकास के लिए कुछ न दिया है। यही नहीं उनकी पहल पर दीपावली के एक दिन पहले अयोध्या में होने वाले दीपोत्सव ने देश और दुनिया का ध्यान अयोध्या की ओर खींचा। इसके चलते यहां पर्यटकों की संख्या और निवेशकों की रुचि बढ़ी। पहले दीपोत्सव में जनभावनाओं के अनुरूप उन्होंने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया। ऐसे में यकीनन जन्मभूमि पर भव्यतम राम मंदिर का निर्माण होते-होते अयोध्या का भी कायाकल्प हो चुका होगा।.
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