विचार

Bageshwar Dham वाले Dhirendra Krishna Shastri का आपकी अदालत में चमत्कार!

बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) बालाजी दरबार (Bala ji Darbar) वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) का चमत्कार पहली बार देखा, जी हां पहली बार रजत शर्मा (Rajat Sharma) के चेहरे पर भय-आक्रोश और मचलता हुआ अंहकार देखा। पहली बार रजत शर्मा के चेहरे सवाल पूछते समय मुस्कराहट गायब थी। पहली बार रजत शर्मा को सवालों से पहले जवाब मिल रहे थे। पहली बार शब्दों के जादूगर की जुबान खाली देखी।

पहली बार देखा जब रजत शर्मा ने अपने शब्दों को अपने मेहमान के मुंह में डालने की कोशिश करते देखाष पहली बार रजत शर्मा को झेंपते और झेंप मिटाते हुए देखा। पहली बार रजत शर्मा को अपने मेहमान को भरमाने की कोशिश करते देखा। पहली बार रजत शर्मा को आतंक को धर्म से जोड़कर किसी को अपमानित करने की कोशिश करते देखा।

पहली बार रजत शर्मा (Rajat Sharma) को अर्ध सत्य बोलते हुए देखा। पहली रजत शर्मा को निशब्द होते हुए देखा। पहली बार बूढ़े होते हुए रजत शर्मा के पास शब्दों का अभाव देखा। पहली बार देखा रजत शर्मा को आमिर खान और शाहरुख खान की पैरवी करने पर ऑन एयर अपमानित होते हुए देखा। पहली बार देखा कि रजत शर्मा को भी पंथ और धर्म का अंतर नहीं मालूम है।

40 से पत्रकारिता करने का दंभ भरने वाले रजत शर्मा (Rajat Sharma) ने टीवी जर्नलिज्म उस वक्त शुरू की थी। जब लोगों  टीवी टेक्नोलॉजी की जानकारी न के बराबर मालूम थी। ‘न’ को ‘हां’ और ‘हां’ को ‘न’ कैसे किया जाता था कैसे किसी भी सवाल पर तालियों गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई जा सकती है। यह भी लोग नहीं जानते थे। रजत शर्मा को वो दिन याद आ रहे होंगे, काश!  वो दिन होते…!

मूल विषय से ज्यादा भूमिका इसलिए क्यों कि अंहकारी रजत शर्मा (Rajat Sharma) की सच्चाई पहली बार पर्दे पर दिखाई दे रही थी। रजत शर्मा बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर मुकदमा चला रहे थे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को रजत शर्मा ने यह साबित करने की कोशिश की कि वो बच्चे हैं, लेकिन अहसास ऐसा हो रहा था कि रजत शर्मा बच्चे हैं और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री धुरंदर हैं। रजत शर्मा ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सवालों के चक्रव्यूह में फांसने की कोशिश की लेकिन हर बार वो जयद्रथ की तरह कृष्ण की माया और अर्जुन (धीरेंद्र शास्त्री) के  बौद्धिक वाणों से बिंधे नजर आए।

रजत शर्मा ने ऑन कैमरा झूठ बोला कि बाबा साहब ने संविधान में धर्म निरपेक्ष लिखा है। जबकि सत्यता यह है कि बाबा साहब के संविधान में धर्म निरपेक्ष शब्द नहीं था। भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में धर्म निरपेक्ष शब्द नहीं था। 1976 में इंदिरा गांधी के कार्यकाल में संविधान का 42वां संशोधन लाया गया। इस संशोधन के माध्यम से पहली बार 1976 में भारतीय संविधान की मूल प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता शब्द जोड़ा गया था।

रजत शर्मा के सिग्नेचर कार्यक्रम आप की अदालत में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जवाबों की भी कांट-छांट की गई होगी, समय के बंधन का बहाना दिया गया होगा। अनकट एपिसोड अगर दिखाया तो सच्चाई शायद और भी ज्यादा सामने आए।

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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