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लखनऊ में कोरोना का तांडव, श्मशान घाटों में कोविड मरीजों के शवों का अंबार, अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल रही जगह

लखनऊ के श्मशान घाटों पर शवों का अंबार

कोरोना वायरस ने कई जिंदगियां लील ली। संक्रमण के कारण लोग असमय ही दम तोड़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ का हाल बुरा है। वहां कोरोना से मरने वालों की संख्या में तेजी देखी जा रही है। हालात ऐसे हो गए हैं की श्मशान घाट पर लोगों को अंतिम सस्कार करने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश में रविवार 11 अप्रैल को पिछले साल कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे ज्यादा 15,353 मामले दर्ज किए गए और इनमें से 27 फीसदी केस अकेले राजधानी लखनऊ के थे।

भैसा कुंड श्मशान घाट का एक वीडियो कुछ दिन पहले वायरल भी हुआ था, जिसमें एक साथ कई सारी चिताएं एक साथ जलाई जा रही थीं। जिसके बाद नगर निगम ने घाट के बाहर नीली टीन की शेड की चादर से बाउंड्री बना दी। ताकि वहां से गुजर रहे लोगों और मीडियाकर्मियों को श्मशान के अंदर की स्थिति ना दिखाई पड़े।  चादरों से ढंकने का भी वीडियो वायरल हो गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आप सांसद संजय सिंह समेत तमाम लोगों ने इस पर सवाल खड़े किये हैं।

श्माशान घाट पर आते लाशों की संख्या से वहां के कर्मचारी भी चिंतित हैं। इधर लोग अपने परिजनों की चिता जलाते हैं, उधर घाट के कर्मचारी नई चिता तैयार करने में जुट जाते हैं। गुलाला श्मशान घाट के एक कर्मचारी ने कहा, ‘मैंने कभी इस तरह की स्थिति नहीं देखी। मैंने जितने शव इस एक हफ्ते में देखे हैं, उतने तो अपने पूरे जीवन में नहीं देखे’।