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Air Force One: ट्रंप जैसी हिम्मत न किसी राष्ट्रपति में दिखी और शायद न दिखेगी!

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में दुनिया और उनके आलोचक भले ही कुछ भी कहें, ट्रंप ने कई ऐसे साहसिक और ऐतिहासिक काम किए हैं जिन्हें करने की हिम्मत न तो उनसे पहले कोई अमेरिकी राष्ट्रपति करपाया और न आने वाला ही कर पाएगा। कट्टर दुश्मन अरब और इजरायल में दोस्ती की बयार या फिर कुछ इस्लामी देशों पर ट्रेवल बैन। इससे भी बड़ा और ऐतिहासिक काम जो ट्रंप ने किया वो नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को वार्ता की टेबल पर लाना था। हालांकि किम ज्यादा दिन तक अपने वादे पर नहीं टिके और दोस्ती कुछ ही दिनों में फिर दुश्मनी में तब्दील हो गई। बहरहाल डोनाल्ड ट्रंप न उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन को एयर फोर्स वन का ऑफर दिया था। ट्रंप के एक पूर्व सहयोगी मैथ्यू पोटिंगर ने बताया कि यह ऑफर हनोई में दोनों नेताओं के मुलाकात के दौरान दिया गया था। ट्रंप के साथ दूसरे समिट के लिए किम जोंग उन ट्रेन का लंबा सफर कर तय वियतनाम की राजधानी हनोई पहुंचे थे। समिट खत्म होने से पहले ट्रंप ने किम जोंग उन से कहा था कि मैं दो घंटे में आपको हनोई से प्योंगयांग छोड़ सकता हूं।  </p>
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एक अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया के से बातचीत के दौरान नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के एशिया एक्सपर्ट रहे मैथ्यू पोटिंगर ने कहा कि ट्रंप ने किम जोंग को एयर फोर्स वन में लिफ्ट देने की पेशकश की थी। पोटिंगर ने कहा कि राष्ट्रपति को पता था कि किम चीन होते हुए हनोई में कई दिनों की ट्रेन की यात्रा कर हनोई पहुंचे थे। वापसी में भी उन्हें उतना ही समय लगना था। इसी बात के मद्देनजर ट्रंप ने प्रस्ताव रखा था कि 'यदि किम जोंग उन चाहें तो उनका एयरफोर्स वन दो घंटे में घर पहुंचा सकता है।' लेकिन, किम जोंग उन ने ट्रंप का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।</p>
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अमेरिका के पूर्व सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन कहते हैं कि पहले समिट के बाद ट्रंप ने सोचा था कि किम जोंग उन की शक्ल में उन्हें एक सच्चा दोस्त मिल गया है। यहां तक कि उन्होंने एक बार किम जोंग उन को खुश करने के लिए अमेरिका और दक्षिण कोरिया में सैन्य अभ्यास को रोकने की अनुमति भी दी थी। लेकिन किम जोंग उन ने ट्रंप कोशिशों को पलीता लगा दिया।</p>
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किम जोंग उन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात की कहानी भी बड़ी रोचक है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने उत्तर कोरिया के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए व्हाइट हाउस का दौरा किया। उस समय सहायक महासचिव जेफ फेल्टमैन को प्योंगयांग दौरे का निमंत्रण मिला। ट्रंप ने एंटोनियो गुटेरेस से कहा कि वे चाहते हैं कि जेफ फेलमैन प्योंगयांग का दौरा करें और उन्हें बताएं कि मैं किम जोंग-उन के साथ बैठक करने के लिए तैयार हूं।</p>
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जब जेफ फेल्टमैन प्योंगयांग पहुंचे, तो उन्होंने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात की और उन्हें ट्रंप के संदेश के बारे में बताया। जिसके बाद उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री थोड़ी देर के लिए चुप हो गए। उन्होंने फेलमैन से कहा कि मुझे आप पर भरोसा नहीं है। जिसके बाद जब यह बात किम जोंग उन तक पहुंची तो उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन, कुछ दिनों बाद दोनों नेता बैठक करने के लिए सहमत हो गए।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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