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संघ के विजयादशमी उत्सव संबोधन में भागवत लोगों को देश-दुनिया की चुनौतियों से करेंगे आगाह

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम विजयादशमी उत्सव की तैयारियां आखिरी चरण में हैं। कोरोना के कारण बगैर मुख्य अतिथि के नागपुर के रेशिम-बाग में आयोजित इस कार्यक्रम में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत करीब एक घंटे तक संबोधन करेंगे। इस दौरान वह देश और दुनिया के सामने खड़ी चुनौतियों को लेकर लोगों को आगाह करेंगे।

दरअसल, संघ हर वर्ष छह प्रमुख कार्यक्रम करता है। इसमें विजयादशमी उत्सव सबसे अहम है। इसकी वजह है कि विजयादशमी उत्सव का संबंध संघ के स्थापना दिवस से भी है। इस दिन शस्त्र पूजन और पथ संचलन के माध्यम से संघ अपना स्थापना दिवस मनाता है। संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन हुई थी। लेकिन संघ अपना स्थापना दिवस हर वर्ष 27 सितंबर की बजाए विजयादशमी के दिन मनाता है।

इस अवसर पर कोरोना से लेकर पड़ोसी देशों से रिश्ते, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भागवत चर्चा कर सकते हैं। वहीं संघ के स्वयंसेवकों को इन चुनौतियों के मुकाबले के लिए तैयार रहने की अपील भी कर सकते हैं। हर वर्ष विजयादशमी के मौके पर होने वाला संघ प्रमुख का यह संबोधन, आगामी वर्षों के लिए संगठन का एक विजन पेश करता है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से 25 अक्टूबर को नागपुर के रेशिम-बाग में सुबह आठ बजे से विजयादशमी उत्सव आयोजित होगा। नागपुर के महानगर संघचालक राजेश लोया ने आईएएनएस को बताया, "कोरोना के कारण कार्यक्रम का स्वरूप बदल गया है। सिर्फ 50 व्यक्तियों की मौजूदगी में उत्सव होगा। पहले शस्त्र पूजन होगा, फिर ध्वज लगेगा, प्रार्थना और गीत गायन होगा, इसके बाद सरसंघचालक मोहन भागवत का उद्बबोधन शुरू होगा। कार्यक्रम का सोशल मीडिया के विभिन्न मंचों पर सीधा प्रसारण भी होगा।"

महानगर संघचालक राजेश लोया ने बताया कि सरसंघचालक मोहन भागवत एक घंटे या उससे अधिक समय तक उद्बबोधन के माध्यम से स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन कर सकते हैं।

हर वर्ष विजयादशमी उत्सव के मौके पर संघ किसी हस्ती को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करता है। लेकिन पहली बार कोरोना के कारण संघ ने बाहर से किसी हस्ती को आमंत्रित नहीं किया है। इस बार कोरोना के कारण नागपुर में जयघोष, पथ संचलन जैसे कार्यक्रम नहीं होंगे।.

डॉ. शफी अयूब खान

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