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North Korea: चीन के दम पर दुनिया को झुकाने चले तानाशाह किम जोंग उन ने United Nation के आगे घुटने टेके, Pakistan का भी होगा यही हाल

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने घुटने टेके

जो हाल आज नॉर्थ कोरिया का है वही हाल कुछ दिनों में पाकिस्तान का होने वाला है। चीन की कम्युनिस्ट सरकार पाकिस्तान से ज्यादा नॉर्थ कोरिया को सपोर्ट करती थी, लेकिन आज चीन ने हाथ झाड़ लिए हैं। पाकिस्तान को भी आज चीन का ही सपोर्ट है। जैसा आज चीन ने नॉर्थ कोरिया के साथ किया है कल वो वैसा ही पाकिस्तान के साथ करेगा। नॉर्थ कोरिया का तानाशाह तो चीन की तरह ही धर्म विरोधी, अमेरिका विरोधी साम्यवादी विचारधारा को मानता है, फिर भी संकट के समय में चीन दूर खड़ा हो गया है। पाकिस्तान तो इस्लामिक रिपब्लिक है। पाकिस्तान में कम्युनिज्म को तरजीह देने वाले शायद उंगलियों पर गिने जा सकते हैं। वो भी सत्ता में नहीं हैं।

नॉर्थ कोरिया की तरह पाकिस्तान को भी लात मार देगा चीन

पाकिस्तान में इस्लाम ही सब कुछ है, चीन में कम्युनिज्म के अलावा सब कुछ धोखा और अपराध है। तो फिर चीन और पाकिस्तान के रिश्ते भी जल्द ही टूटने वाले हैं। जिस तरह परमाणु बम बनाते-बनाते रहम की नॉर्थ कोरिया भीख मांगने तक पहुंच गया है वैसे ही परमाणु बम बनाने वाला पाकिस्तान भी जल्दी दर-दर भटकने भीख मांगने की कगार पर पहुंचने वाला है। बल्कि पाकिस्तान के हालात तो नॉर्थ कोरिया से भी बुरे होने वाले हैं। नॉर्थ कोरिया में कोई सिंध-बलोच या पश्तून नहीं हैं। नॉर्थ कोरिया में लश्कर-ए-झांग्वी या सिपाह-ए-साहिबा नहीं है। पाकिस्तान में तो भुखमरी के साथ चार हिस्सों मे टूटने के कगार पर खड़ा है। चीन में भी आंतरिक विरोध और विघटन के सुर फूट रहे हैं। ऐसे में चीन सबसे पहले अपना घर बचाने की जुगत में पड़ा है। वो न नॉर्थ कोरिया को बचा रहा है और न पाकिस्तान को बचाने आएगा। जिस चीन को लगेगा कि पाकिस्तान में उसके हित पूरे नहीं हो रहे हैं उसी दिन नॉर्थ कोरिया की तरह लात मार देगा। पाकिस्तान की बात किसी और दिन फिल्हाल नॉर्थ कोरिया और उसके तानाशाह किंम जोंग उन की चर्चा कर लेते हैं।

घुटनों पर आ गया दुनिया को झुकाने का दंभ भरने वाला

जिस तरह पाकिस्तान खाद्यान्न की समस्यासे गुजर रहा है उसी तरह उत्तर कोरिया भी अन्न की समस्या से गुजर रहा है। नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने कबूल किया है कि उसके देश में अन्न की भारी कमी हो गई है। किम जोंग उन ने संयुक्त राष्ट्र को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि उत्तर कोरिया में  अनाज के भंडार लगभग खाली हो चुके हैं और उन्हें वैश्विक निकाय से मदद की दरकार है। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने उत्तर कोरिया में भुखमरी के हालात का कई बार जिक्र कियाथा और हर बार किम जोंग उन की सरकार मीडिया रिपोर्ट को नकारती रही थी। ऐसा पहली बार हुआ जब आधिकारिक रूप से उत्तर कोरिया ने हालात कबूल किए हैं। दुनिया को झुकाने वाला किम जोंग उन घुटनों पर आ गया है। उसने संयुक्त राष्ट्र संघ से गुहार लगाई है कि खाद्यान्न पहुंचाया जाए।

सबसे बुरे दौर से गुजर रहे नॉर्थ कोरिया के लोग

किम जोंग के सत्ता में आने के बाद से उत्तर कोरिया के लोग सबसे बुरा दौर देख रहे हैं। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र को भेजी स्वैच्छिक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि 2018में देश का खाद्य उत्पादन सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। जिसकी मुख्य वजह प्राकृतिक आपदा और अपर्याप्त कृषि सामग्री को बताया गया है। कहा गया है कि उनके पास खेती के लिए निचले स्तर वाली मशीने हैं जिससे वे पर्याप्त अनाज नहीं उगा पा रहे। संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण कोरिया के मिशन ने बुधवार को रिपोर्ट की सूचना दी। जाहिर तौर पर यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने खाद्यान की कमी को सार्वजनिक किया है।

दाने-दाने के लिए गिड़गिड़ा रहा किम जोंग उन

उत्तर कोरिया ने रिपोर्ट में कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को पाने में उसे इसलिए बाधा आ रही है क्योंकि उस पर संयुक्त राष्ट्र के कई प्रतिबंध लागू हैं।परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण के लिए दंडित करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2017में उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए, जिसमें सीमित स्तर पर कच्चे तेल का आयात, कपड़ा निर्यात, प्राकृतिक गैस और तरल आयात पर प्रतिबंध हैं। साथ ही उत्तर कोरियाई नागरिकों को दूसरे देशों में काम करने से भी रोक लगा दी है। इसका मतलब यह कि उत्तर कोरिया के लोग विदेशों में मेहनत कर अपने देश को पैसा नहीं पहुंचा सकते।

शारीरिक और मानसिक तौर पर टूट चुका है तानाशाह

यूनाइटेड नेशंस को भेजी रिपोर्ट से दो सप्ताह पहले ही नॉर्थ कोरियाकी सरकारी मीडिया ने तानाशाह किम जोंग उन की तस्वीर जारी हुई थी, जिसमें वो काफ कमजोर दिख रहा था। सरकारी प्रोपोगैंड मशीनरी के हवाले से यह तक कहा गया था कि तस्वीर जारी होने के बाद आम नागरिकों को रोते देखा गया। विशेषज्ञ मानते हैं कि तानाशाह किम ने भुखमरी के हालात के बीच जनता का समर्थन पाने के लिए यह तस्वीर जारी करवाई थी।

कुत्ते पालने पर पाबंदी

अनाज की भारी कमी के चलते उत्तर कोरिया पूरी तरह पशु-पक्षियों के मांस पर निर्भर है। हालात इतने खराब हैं कि पिछले साल अगस्त में सरकार ने आम नागरिकों को कुत्ते पालने से प्रतिबंधित कर दिया था। पिछले साल कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उत्तर कोरिया ने अपनी सीमाएं बंद कर ली थीं।देश को भारी तूफान का सामना भी करना पड़ा था। जिससे संकट और गहरा गया है।