Categories: विचार

Nepal Crisis संसद में ओली की अग्निपरीक्षा, नेपाल में कल क्या होगा, काठामाण्डू की तरफ दुनिया की निगाहें

<p>
काठमाण्डू में आज दिन भर चले बैठकों के दौर के बाद ऐसा लग रहा है कि नेपाल की संसद में केपी शर्मा ओली विश्वास मत जीतें या हारें लेकिन सत्ता उन्हीं के हाथ में रहेगी। ऐसे संकेत जनता समाजवादी पार्टी की विश्वास मत पर तटस्थ रहने और माधव-खनाल गुट के इस ऐलान से ज्यादा बढ़ गए हैं कि अगर ओली उनकी दो मांगों को स्वीकार कर लेतें हैं तो विश्वास मत का समर्थन किया जा सकता है। माधव-खनाल गुट ने अपने पक्ष के सांसदों की बैठक सोमवार सुबह साढे नौ बजे सिंह दरबार में ही बुलाई है।</p>
<p>
ऐसी भी खबरें आ रही हैं कि माधव-खनाल गुट के 13 सांसदों ने इस्तीफा देने से इंकार कर दिया है। अगर ये इस्तीफा नहीं देते हैं तो ओली गुट और मजबूत होगा। ऐसा कहा जारहा है कि गंडकी करनाली और लुम्बनी प्रदेश से आने वाले सांसद यूएमल यानी माधव-खनाल गुट के सांसद ओली के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। इस समय ओली के पास 126 सांसद हैं। जनता समाजवादी पार्टी के 32 सांसद तटस्थ रहने की स्थिति में भी 136 का जादुई आंकड़ा आसानी से हासिल कर सकते हैं।</p>
<p>
अगर किसी भी हालत में ओली विश्वास मत हासिल भी नहीं कर पाते हैं तो यूएमएल को सरकार बनाने के दावे के साथ 136 सांसदों का समर्थ हासिल करना होगा। वर्तमान परिस्थितियों से साफ जाहिर है कि यूएमएल के पास भी पर्याप्त संख्या बल नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी फिर से प्रधानमंत्री ओली को 30 दिन के भीतर विश्वास मत हासिल करने का आदेश दे सकती हैं। अगर उन्हें लगता है कि कोई भी दल विश्वासमत हासिल करने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं रखता है तो संविधान के अनुच्छेद 93 के तहत संसद को भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने के आदेश दे सकती हैं और नई सरकार के गठन तक ओली को कार्यभार संभालने के निर्देश दे सकती हैं। मतलब ये कि सदन में चाहे जो हो फिल्हाल सत्ता ओली के हाथ में ही रहेगी।</p>
<p>
ध्यान रहे, नेपाल की राजनीतिक परिस्थितियों और नेपाल के हित का हवाला देते हुए पीएम केपी शर्मा ओली ने 4 दिसम्बर 2020 को संसद को भंग कर नए चुनावों का ऐलान कर दिया था। इसके खिलाफ नेपाल की सुप्रीम कोर्ट में एक दर्जन से ज्यादा याचिकाएँ दाखिल की गई थीं।सुप्रीम कोर्ट ने ओली सरकार के सभी फैसलों को रद्द करते हुए संसद को बहाल कर ओली को विश्वासमत हासिल करने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में चली अब तक की कार्यवाहियों के बाद ओली विश्वास मत हासिल पेश करने जा रहे हैं।</p>
<p>
 </p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago