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कुरान और आतंकवादः 26 आयतों को कुरान से हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे वसीम रिज्वी को सिर कलम करने की धमकी

आतंक का समर्थन करने वाली आयतों को कुरान से निकालने की याचिका डालने पर वसीम रिज्वी को सिर कलम करने की धमकी

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज्वी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाली कुछ आयतों को पवित्र कुरान से बाहर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्या डाली कि तमाम मुल्ला मौलवी वसीम रिज्वी के पीछे हाथ धोकर पड़ गए हैं। वसीम रिज्वी के तर्क पर चर्चा करने के बजाए इस्लाम विरोधी साबित करने की होड़ लग चुकी है। वसीम रिज्वी का कहना है कि इस्लाम शांति और सद्भाव का संप्रदाय है। शांति और सद्भाव फैलाने वाले किसी भी धर्म या संप्रदाय के ग्रन्थों में हिंसा या आतंक का कोई स्थान नहीं हो सकता। वसीम रिज्वी का यह भी कहना है कि कुरान में 26 आयतों को बाद में जोड़ा गया है। ऑरिजनल कुरान में आतंक का समर्थन करने वाली आयतें थी ही नहीं, उनको बाद में जोड़ा गया है।

शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज्वी ने जिन बातों को आधार मान कर सुप्रीम कोर्ट में कुरान में संशोधन के लिए याचिका डाली है, उन बातों को सच की कसौटी पर कसा जा सकता है। लगभग 1600 साल पुराने इस्लाम के पवित्र कुरान की मूल प्रति कहीं न कहीं उपलब्ध होगी ही। भारत में कुरान की व्याख्या करने वाले स्कॉलर्स मौजूद हैं, उन पर भी विश्वास न हो तो शिया संप्रदाय के लोग ईरानी धार्मिक गुरुओं से सुन्नी सऊदी अरब में इमाम-ए-काबा से राय ले सकते हैं। वैसे भारत संप्रभु राष्ट्र है। किसी भी बात को मानने या मानने या किसी अन्य भी तरीके से मानने का उनका पूरा अधिकार है। चूंकि बात इस्लाम की है तो विकल्प भी मौजूद हैं।

वसीम रिज्वी के खिलाफ हल्ला बोलने या सिर काट कर लाने की धमकी से किसी की आवाज दबाना नामुमकिन है। कम से कम भारत में तो ऐसा बिल्कुल भी सम्भव नहीं। सबसे बड़ी बात यह कि सुप्रीम कोर्ट ने अभी कोई फैसला या निर्देश नहीं दिया है। फिर हंगामा क्यों बरपा रखा है। यह सोचने वाली बात है।

बहरहाल, कुरान की 26 आयतों को आतंकवाद बढ़ाने वाली आयत बताना बीजेपी नेता और शिया वक्फ बोर्ड पूर्व चेयरमैन वसीम रिज्वी को भारी पड़ने लगा है। वसीम रिज्वी के खिलाफ फतवों और बयानों की बाढ़ आ गई है। दरअसल, वसीम रिज्वी ने सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की है। इस पीआईएल में कहा गया है कि कुरान में कुछ आयतें बाद में जोड़ी गई हैं। बाद में जोड़ी गई इन्हीं आयतों से इस्लाम को आतंकवाद से जोड़ती हैं। वसीम रिज्वी ने ऐसी कुल आयतों की संख्या 26 बताई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि कुरान से इन 26 विवादित आयतों को बाहर निकालने के आदेश दे।

रिजवी की इस याचिका के बाद मुस्लिम नेताओं ने वसीम रिज्वी को धमकियां देना शुरू कर दिया है। एक मुस्लिम संगठन के अध्यक्ष हसनैन जाफरी डंपी ने कानून को ठेका दिखाते हुए वसीम रिजवी का सिर काटकर लाने वाले को 20हजार रुपये इनाम देने का ऐलान कर दिया है। इस पर कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि वसीम रिज्वी ने अभी पीआईएल लगाई है। कोई फैसला नहीं हो गया है। इसके अलावा अगर वसीम रिज्वी का विरोध करने के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन गालियां देना, कानून हाथ में लेना या सिर काटने पर ईनाम का ऐलान करना भी इस्लाम के खिलाफ है।

 

बहरहाल, शुक्रवार को हसनैन जाफरी डंपी ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि पैगंबर मोहम्मद का कलमा पढ़ने और शिया घर में पैदा होने के नाते मैं वसीम रिजवी के कृत्य की निंदा करता हूं। वसीम रिजवी के बायकॉट के लिए प्रदेश भर में कैंपेन चलाएगा। शिया समाज के जो लोग वसीम रिजवी को अपने घर कार्यक्रमों में बुलाएंगे, उन लोगों का भी बायकॉट किया जाएगा।

डंपी ने ये भी कहा कि मैं शासन-प्रशासन से मांग करता हूं कि ये समूचे मुस्लिम समुदाय की आस्था पर चोट है, इसलिए वसीम रिजवी के विरूद्ध तत्काल प्रभाव से मुकदमा दर्जकर उसे जेल भेजा जाए।

इसी तरह, मौलाना खालिद रशीद ने उत्‍तर प्रदेश सरकार से रिजवी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कुरान से एक हर्फ भी नहीं हटाया जा सकता है। मौलाना सैफ अब्बास ने कहा किसी पार्टी के लिए धर्म को बेचना गलत है।