विचार

ब्रिटेन को बीफ और महारानी को 10 अरब डॉलर, PM मोदी की मजबूरी या कुछ और!

Secret agreement with Britain: क्या यह सच नहीं कि कांग्रेस पार्टी सहित भारत की सभी विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को सत्ता में आने से रोकना चाहते है। क्या इसके पीछे कोई विदेशी ताकत भी है? क्या यह वही ताकत है जिसने भारत पर सैकड़ों साल शासन किया और फिर एक सीक्रेट पैक्ट (Secret agreement with Britain) के तहत भारत को कथित तौर पर आजादी दी? क्या यह सच है कि इसी सीक्रेट पैक्ट के तहत (Secret agreement with Britain) हर साल 10 अरब रुपये पेंशन प्रतिवर्ष महारानी एलिजाबेथ को जाती है? क्या यह भी सच है कि भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों को संशोधित करने का अधिकार भारत की संसद के पास नहीं है?

चर्चा कुछ भी हो लेकिन ये अफवाहें बहुत तेजी से फैल रही है कि आखिर पीएम मोदी के सामने क्या मजबूरी है? कब पीएम मोदी इन मजबूरियों से बाहर आएगें कहते हैं 2024 का चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी भारत माथे पर लगे गुलामी के सभी निशान हटा देंगे। अगर, इन अफवाहों में कुछ भी सच्चाई है तो पीएम मोदी अगले शासन काल में ब्रिटेन को बीफ सप्लाई और महारानी/महाराजा को 10 अरब डॉलर देना बंद करवा देंगे। पीएम मोदी ने गुलामी के निशानों को हटाने का काम शुरू कर दिया है। नया संसद भवन, नौ सेना को नया झण्डा और 15 अगस्त को स्वदेशी तोपों से सलामी से शुरुआत हो चुकी है। पीएम मोदी के कदमों से वैसे तो चीन और पाकिस्तान चिंतित  होते हैं लेकिन इस बार ज्यादा चिंतित ब्रिटिश संसद और रॉयल परिवार है! आखिर क्यों, देखें यहांः

यह भी पढ़ें- 56 आजाद मुल्क के आजाद लोग, कॉमनवेल्थ का ‘हेड’ ब्रिटेन का राजा ही क्यों

अंग्रेजों के गुलाम देशों का संगठन कॉमनवेल्थ
अब कॉमनवेल्थ का ही ले लिजिए, महारानी एलिजाबेथ-द्वितीय (Queen Elizabeth II) के निधन के बाद प्रिंस चार्ल्स को ब्रिटेन का राजा घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही वो कॉमनवेल्थ के मुखिया भी बन गए हैं। इसके बारे में ब्रिटेन में बाकायदा एक शाही फरमान भी निकाला गया। बीबीसी इंग्लिश की साइट पर भी इसे प्रकाशित किया गया कि महारानी की मौत के बाद किंग चार्ल्स तृतीय 56 कॉमनवेल्थ देश और उनकी 2.4 प्रजा के मुखिया बन गए हैं।  तो क्या सभी 56 देश औपचारिक तौर पर आजाद होने के बाद भी अनौपचारिक गुलाम आज भी हैं? कुछ लोगों को यह कहना है कि 1981 तक कॉमनवेल्थ देशों की प्रजा को इंग्लैण्ड सरकार अपने देश की प्रजा ही मानती थी। भारत सहित कॉमनवेल्थ के किसी भी देश का कोई भी नागरिक इंग्लैण्ड का नागरिक माना जाता था। लेकिन जनसंख्या के बढ़ते दबाव के चलते 1981 में इंग्लैण्ड सरकार यह प्रावधान खत्म कर चुकी है।

अंग्रेजों ने भारत को आजाद नहीं किया, बल्कि डोमेनियन मतलब उपराज्य का दर्जा दिया- ये रहे दो सबूत!

महारानी एलिजाबेथ को 10 अरब रुपये पेंशन भारत से?
यह चर्चा भी गरम है कि भारत और ब्रिटिश गवर्नमेंट के साथ हुए सीक्रेट पैक्ट को सीक्रेट रखने की समय सीमा 1997 में पूरी हो रही थी, लेकिन तत्कालीन इंद्रकुमार गुजराल सरकार ने 20 साल के लिए बढ़ा दिया और फिर 2007 में कांग्रेसनीत यूपीए सरकार रहस्यमय तरीके से फिर 17 साल के लिए बढ़ा दिया। यह अवधि 2024 में खत्म हो  रही है। अगर 2024 में नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनते हैं तो वो अंग्रेजों से किए गए इस सीक्रेट पैक्ट (Secret agreement with Britain) जनता के सामने रख सकते हैं! अगर यह सच है तो इसका खुलासा होने पर कांग्रेस और कांग्रेस से अलग होकर बनी पार्टियों के नेताओं को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी।

बीफ पर प्रतिबंध और गौ हत्यारों को फांसी का प्रावधान क्यों नहीं?

चर्चाएं हैं या अफवाह लेकिन जो भी है वो यह है कि 1947 में अंग्रेजों से किए गए कथित सीक्रेट पैक्ट (Secret agreement with Britain)  में संभवतः ऐसे प्रावधान हैं जिनके तहत भारत में चाहे जो सरकार बने उसको एक बड़ी मात्रा में हर साल बीफ इंग्लैण्ड को सप्लाई करना ही होगा! आज के समय में ऐसा संभव तो नहीं लगता लेकिन फिर क्या मजबूरी है कि 8 साल बीतने के बावजूद पीएम मोदी और यूपी से संन्यासी मुख्यमंत्री योगी गौहत्या पर सजा-ए-मौत का कानून क्यों नहीं बना सके। काउ स्लाटरहाउस बंद क्यों नहीं हुए? हां, यहां यह बात भी ध्यान में रखनी होगी कि अंग्रेज ही पूरी दुनिया गौवंश या भैंस के मांस, दोनों को बीफ ही कहते हैं।

संविधान के इन अनुच्छेदों को संशोधित करने का अधिकार नहीं!

यह अफवाह भी है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेदों 366, 371, 372, 395 में परिवर्तन या संशोधन का अधिकार की भारतीय संसद को नहीं है। यह अफवाह ही है, क्यों कि भारतीय संसद यानी लोकसभा और राज्यसभा में कोई अनुच्छेद संशोधित किया जा सकता है। लेकिन एक सवाल तो है आजादी मिलने के बाद भारत फ्रांस, जापान, रूस और अमेरिका जैसे देशों में राजदूत नियुक्त करता है मगर ब्रिटेन और ब्रिटेन के कॉलोनी रहे देशों में हाई कमीशन यानी उच्चायुक्त क्यों नियुक्त करता है? क्या भारत को ब्रिटेन के समक्ष संप्रभु राष्ट्र आज भी नहीं है? क्या यह उसी सीक्रेट पैक्ट (Secret agreement with Britain)  का नतीजा है जिसे जवाहरलाल नेहरू ने माउंटबेटेन के साथ साइन किया था?

नरेंद्र मोदी को 2024 में फिर से पीएम बनने से क्यों रोकना चाहती हैं देशी-विदेशी ताकतें?

आपको ध्यान होगा कि 1997 में ब्रिटेन की महारानी की बिना वीजा यात्रा पर बीजेपी ने हो हल्ला मचाया था। नरेंद्र मोदी ने सरकार में आते ही कॉमनवेल्थ के औचित्य पर सवाल उठाए थे, बीजेपी और एनडीए घटक दलों ने भारत की लूटी हुई संपदा को अंग्रेजों से वापस लाने का मुद्दा उठाया था। 2024 में एनडीए की सरकार बनने पर ये सारे विचार मूर्त रूप ले सकते हैं।क्या यह सच है कि, देश के भीतर विदेशी सरकारों के कथित एजेंट राजनीतिक दल एनडीए और पीएम नरेंद्र मोदी और अपने ही देश के खिलाफ माहौल बनाने में अभी से जुट गए हैं?

यह भी पढ़ें- Pakistan: एक मुशरिक ने लिखा कौमी तराना और पोर्क पसंद जिन्नाह काफिर थे?

 

Vivek Yadav

Writer

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago