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शिंजियांग में उइगरों की नस्लकुशीः चीन में मुस्लिम औरतों की नसबंदी और मर्दों की किडनी का धंधा

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आप सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे। चीन उईगर मुसलमानों का कलचरल जेनोसाइड कर रहा है। मतलब यह चीन में उइगर मुसलमानों की नस्लकुशी की जा रही है। आसान शब्दों में कहें तो उईगरों का वंश खत्म किया जा रहा है। इतना ही नहीं चीन उईगर मुसलमानों की किडनिया निकालकर पाकिस्तान और दीगर देशों को बेच रहा है। शिंजियांग उइगर मुसलमानों का स्लाटर हाउस बन चुका है चीनी कर्ज के मकड़जाल में फंसे पाकिस्तान जैसे देश जानते हुए भी चीन के अनाधिकृत और अमानवीय मानव अंग की तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं। बीते सप्ताह गुरुवार को चीन की सरकारी न्यूज एजेंसियों ने अपने ट्वीट में दावा किया कि उईगर मुस्लिम महिलाएं अब बच्चे पैदा करने वाली मशीन नहीं रह गई हैं, उनकी जिंदगी खुशहाल हो गयी है। चीन के शिनजियांग प्रांत में चल रहे विशेष शिविरों में उन्हें ट्रेनिग दी गयी है कि वो किस तरह स्वतंत्र रुप से अपनी जिंदगी, अपनी मर्जी से जी सकती हैं। अमेरिका में स्थित चीनी दूतावास ने भी ट्वीट किया जिसमें कहा गया उइगर महिलाएं को चरमपंथी सोच से मुक्ति मिल गई है और अब वो सिर्फ बच्चा पैदा करने वाली मशीन नहीं बल्कि जागरुक, आत्मनिर्भर और स्वतंत्र विचारों वाली महिलाएं हैं। इस ट्वीट की दुनिया भर में हो रही निंदा के मद्देनजर ट्विटर के प्रबंधकों ने इस ट्वीट को हटा दिया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। <h4>डिटेंशन कैंप में उइगर औरतों नसबंदी और अबॉर्शन</h4> मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि चीन ने पिछले कई सालों से उइगर की मुस्लिम महिलाओं को जबर्दस्ती विशेष डिटेंशन कैंपों में रखा हुआ है जहां उनकी नसबंदी और गर्भपात करवाई जा रही है। उन्हें लगातार बांझ बनाने का सिलसिला जारी है और यही वजह है कि उइगर मुस्लिम समुदाय में जनसंख्या में कमी आयी है जिसके चीन खुद अपनी पीठ थपथपाते हुए अपनी नीतियों और महिलाओं की आत्मनिर्भरता की कामयाबी बता रहा है। यह बात छिपी नहीं है कि चीन ने किस तरह उइगर के मुस्लिम समुदाय को जड़ से मिटाने की कई योजनाओं को सख्ती से लागू कर रखा है। इनमें पहली योजना है कि किसी तरह उनकी बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाई जाए। 2015 में चीन ने उइगर के मुस्लिम समुदाय पर दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर रोक लगा दी थी। 2017 में उनसे कहा गया कि बच्चे पैदा करने के लिए सरकारी अनुमति जरुरी है और इस पर नजर रखने के लिए हर मुस्लिम परिवार के गर्भवती महिलाओं की गिनती की गई और स्वास्थ्य जांच के बहाने उनका गर्भपात कराकर उन्हें बांझ बना दिया गया जिससे भविष्य में बच्चे पैदा ना कर सकें। जिन्होंने विरोध किया उन्हें जबर्दस्ती यातना कैंपों में भेज दिया गया। <h4>उइगर औरतों के प्राईवेट पार्ट्स में डिवाइस</h4> चीन की सरकार के मुताबिक उइगर के गरीब मुस्लिम चरमपंथियों के बहकावे में आकर फैमिली प्लानिंग का विरोध कर रहे थे। उन्हें सही पर रास्ते पर लाने के लिए कई कदम उठाए गए जो सफल रहे हैं। (हमने कोई जबर्दस्ती नहीं की है, पश्चिमी देश इस तरह की गलत खबरें फैला रहे हैं।) चीन का कहना है कि जबर्दस्ती के आरोप निराधार हैं। अमेरिका में रह रहीं उइगर लेखिका रयान असत उइगर के मुस्लिम समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ रही हैं। असत के मुताबिक “चीन की सरकार, उइगर मुस्लिम महिलाओं को चरमपंथी मानती है ,हमें extremist कहा जाता है, हमेशा शक की नजर से देखा जाता है। मुझे पता नहीं मेरा भाई, मेरे मां बाप कहां हैं, किस हाल में हैं।“ पिछले साल उइगर की एक महिला शिक्षक कल्बे नूर सिद्दीक के  टेप से खुलासा हुआ था कि शिनजियांग प्रांत में चुन चुन कर गर्भवती महिलाओं का गर्भपात किया जा रहा है। सिदिक के मुताबिक उन्हें भी एक कैंप में महीनों रखा गया और उनके प्राईवेट पार्ट्स में ऐसी डिवाइस लगा दीं जिससे वो मां न बन सकें। इतना नहीं इसके बाद 2019 में  16 साल से लेकर 60 साल की महिलाओं के लिए बंध्याकरण (sterlisation) कानून बना दिया गया है। <h4>शिंजियांग में  उइगरों का हो रहा स्लो नरसंहार</h4> जानकारों के मुताबिक एक तरफ तो हान समुदाय के लोगों को एक से ज्यादा, दो तीन बच्चे पैदा करने के लिए कहा जा रहा है वहीं दूसरी तरफ अल्पसंख्यकों खास कर उइगर मुस्लिम की जनसंख्या कम करने की कोशिश की जा रही है। चीन ने शिनजियांग प्रांत में ग्रिड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया है। इसके जरिए वह उइगरों की जिंदगी के धार्मिक, पारिवारिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समेत हर पहलू पर नजर रख सकता है। इस सिस्टम के तहत शहरों और गावों को करीब 500-500 लोगों के ग्रुप में बांटा गया है और हर ग्रुप का एक पुलिस स्टेशन है, जिसके जरिए लोगों पर करीब से निगरानी रखी जाती है। “राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पार्टी का यह एक आर्केस्ट्रेट्ड अटैक है.. एक स्लो नरसंहार किया जा रहा है।“ उइगर महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहीं रुशन अब्बास के मुताबिक “चीन के डिटेशंन कैंपों में अभी भी हजारों महिलाएं बंद हैं और हर दिन उन पर जुल्म ढाया जा रहा है। आप अंदाजा नहीं लगा सकते। <h4>औरतों के सिर मुंडवा कर बालों के हेयर प्रोडक्ट बना रहा चीन</h4> मीडिया में लीक हुई खबरों के मुताबिक इन कैंप में हर शुक्रवार को उइगर मुस्लिमों को खाने में पोर्क (सूअर का मांस) दिया जाता है और जो इंकार करता है उसे कड़ी सजा दी जाती है। खबरों में कहा गया है कि महिलाओं के सिर मुंडवाए जा रहे हैं और हेयर प्रॉडक्ट्स बना रहे हैं और इन प्रॉडक्ट्स को अमेरिका और यूरोप में भेजा जा रहा है। पिछले दिनों अमेरिका समेत कुछ यूरोपीय देशों ने शिनजियांग में बनी चीजों पर रोक लगा दी है। शिनजियांग प्रांत चीन के उत्तर-पश्चिम में है और इसकी सीमा आठ देशों से मिलती है। दुनिया में उइगरों की सबसे बड़ी आबादी इसी इलाक़े में रहती है लेकिन चीन में वो अल्पसंख्यक हैं। अधिकतर उइगर इस्लाम धर्म को मानते हैं। <h4>उइगरों की जगह पर हान बहुसंख्यकों की बस्तियां</h4> जब चीन में क्यूमितांग और कम्युनिस्ट पार्टी के बीच लड़ाई छिड़ी थी तब शिनजियांग ने ख़ुद को आज़ाद घोषित कर दिया था लेकिन 1949 में माओ की जीत के बाद शिनजियांग पर चीन ने फिर कब्जा कर लिया। तिब्बत की तरह, चीन, उइगर की सांस्कृतिक पहचान को खत्म करने पर तुला है। मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है और उनकी जगह कम्युनिस्ट पार्टी के दफ़्तर बनाए गए हैं और धार्मिक किताबों को जला दिया गया। लंबी दाढ़ी रखने और बुर्के पर पाबंदी है। पूरे प्रांत में, चीन के बहुसंख्यक हान समुदाय के लोगों को बसाया गया है लेकिन मुस्लिम समुदाय के लोगों को डिटेंशन कैंपों में रखा जा रहा है जहां उनकी पहचान बदलने की कोशिश चल रही है।लेकिन चीन आतंकवाद रोकने के नाम पर इन कदमों को सही करार देता है। चीन के मुताबिक यह डिटेंशन कैंप नहीं बल्कि वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर  हैं जहां उन्हें नई शिक्षा दी जाती है ताकि वो आतंकवाद से दूर रहे, अपने पैरों पर खड़े हो कर खुशहाल जिंदगी जी सकें। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 10-15 लाख मुसलमानों को इन सेंटर में वोकेशनल ट्रेनिंग दी जा रही है। एक खबर के मुताबिक, चीन में गैरकानूनी किडनी रैकट का धंधा जोरों पर है। पाकिस्तान और दूसरे मुस्लिम देशों के धनी लोगों के लिए, उइगर मुस्लिम लोगों के अंगों का कारोबार भी धड़ल्ले से हो रहा है।.</p>

मृत्युंजय कुमार झा

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