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विहिप 1 लाख एकल विद्यालयों में 28 लाख दलित, आदिवासी बच्चों को शिक्षा दे रहा

देश के सुदूर इलाकों में रहने वाले जरूरतमंद दलित और आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एकल विद्यालयों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस समय देश में एक लाख दो हजार स्कूलों में करीब 28 लाख बच्चे प्राथमिक शिक्षा हासिल कर रहे हैं।

पिछले साल 31 मार्च, 2019 तक इन विद्यालयों की संख्या 86401 थी और तब 23.40 लाख बच्चे पढ़ते थे। इस प्रकार देखें तो एक साल के भीतर ही करीब 16 हजार विद्यालय और करीब 5 लाख छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है।

मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में इस तरह के एकल यानी 'वन टीचर' स्कूल चल रहे हैं। इसके अलावा देश में 70 हजार से ज्यादा संस्कार केंद्र चलाकर विहिप की ओर से बच्चों को संस्कारित करने की भी कोशिशें चल रही हैं।

विहिप के पदाधिकारियों का मानना है कि रिमोट एरिया में जिस तरह से इन विद्यालयों ने बच्चों को शिक्षित करने में सफलता हासिल की है, उससे स्थानीय दलित और आदिवासी परिवारों में इनकी लोकप्रियता बढ़ी है। सभी अभिभावक अपने बच्चों को एकल स्कूलों में भेजने में रुचि दिखा रहे हैं। मांग बढ़ने पर विहिप जरूरतमंद क्षेत्रों में नए स्कूल खोलने में भी रुचि दिखाती है। इन विद्यालयों में सभी वर्गो के छात्र पढ़ सकते हैं।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने आईएएनएस से कहा, "एकल विद्यालय अभियान 'वन स्कूल, वन विलेज, वन टीचर' फॉर्मूले पर आधारित है। हर विद्यालय में 6 से 14 वर्ष के 25 से 30 जरूरतमंद बच्चों का प्रवेश होता है। विहिप की ओर से संचालित समग्र ग्राम विकास अभियान के तहत ये विद्यालय चलते हैं। ये विद्यालय अब तक 50 लाख से अधिक बच्चों को प्राथमिक शिक्षा दे चुके हैं। वहीं वर्तमान में 26 लाख बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।"

विहिप प्रवक्ता ने बताया कि एकल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ प्राथमिक शिक्षा ही नहीं दी जा रही है, बल्कि प्राथमिक स्वास्थ्य, ग्राम विकास के लिए गौ पालन, जैविक खेती व कौशल विकास की जानकारी दी जा रही है। ग्रामीण विकास के लिए संचालित सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही है, ताकि बच्चे जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनकर गांव के विकास में अहम भूमिका निभा सकें।

खास बात यह है कि विहिप के एकल अभियान ट्रस्ट की ओर संचालित देश के सुदूर इलाकों के इन स्कूलों में करीब 52 प्रतिशत लड़कियां पढ़ रही हैं। विहिप लड़कियों की शिक्षा की दिशा में इसे बड़ी उपलब्धि मानती है। विहिप का कहना है कि गांधी जी के ग्राम स्वराज की अवधारणा के तहत इन विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है।

वर्ष 1964 में स्थापित विश्व हिंदू परिषद इस वर्ष अपना 56वां स्थापना दिवस मना रही है। इसी क्रम में विहिप की ओर से उपलब्धियों की रिपोर्ट भी तैयार की गई है। विहिप का दावा है कि शिक्षा क्षेत्र में एकल विद्यालयों की उल्लेखनीय उपलब्धि रही है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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