ओडिशा में अपनी तरह की इस पहली सर्जरी में एम्स-भुवनेश्वर के डॉक्टरों ने दुर्लभ किस्म के स्वरयंत्र के कैंसर से पीड़ित एक महिला का सफल ऑपरेशन किया।
जगतसिंहपुर ज़िले की 25 वर्षीय महिला एडेनोइड सिस्टिक कार्सिनोमा के एक उन्नत चरण से पीड़ित पायी गयी थी। यह श्वासनली और भोजन नली के जंक्शन पर स्थित था, जिसके परिणामस्वरूप महिला को निगलने और सांस लेने में अत्यधिक कठिनायी होती थी।
एसीसी का कारण स्रावी ग्रंथियों से उत्पन्न होने वाली एक दुर्लभ दुर्दमता है, जिसमें आमतौर पर लार ग्रंथियां शामिल होती हैं। मरीज़ ने एक साल तक कई अस्पतालों में इलाज कराया और आख़िरकार वह एम्स-भुवनेश्वर पहुंच गयी। कोई अन्य विकल्प नहीं बचा था, ईएनटी और सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी से एम्स के 10 डॉक्टरों की एक टीम ने उसका ऑपरेशन करने का फ़ैसला किया।
Rare Surgery for a rare variety of Throat Cancer performed at @AIIMSBhubaneswr to save the life of a young lady. First of its kind surgery in Odisha, group of young Docs took 14 hours to complete the challenging procedure.@MoHFW_INDIA @mansukhmandviya pic.twitter.com/u7wTWze6A1
— AIIMS Bhubaneswar (@AIIMSBhubaneswr) May 4, 2023
प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण थी और इसे पूरा करने में 14 घंटे लगे। ईएनटी सर्जन ने ग्रसनी, स्वरयंत्र, श्वासनली या विंडपाइप के ऊपरी हिस्से और थायरॉयड ग्रंथि के हिस्से को हटा दिया, जबकि गैस्ट्रो सर्जन ने बृहदान्त्र को विच्छेदित किया और इसे गर्दन से गुज़ारा गया, जिससे जीभ का आधार पेट से जुड़ गया। उन्होंने एक नया फूड चैनल बनाया।
ऑपरेशन के बाद मरीज़ को सर्जरी के बाद आईसीयू में रखा गया और दो महीने के बाद वह ठीक हो गयी। ईएनटी के एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. दिलीप कुमार सामल के अनुसार, उनका सांस लेना और भोजन करना, दोनों ही सामान्य थे।
IIMS-भुवनेश्वर में अद्भुत सर्जरी, डॉक्टरों ने बचायी गले के कैंसर के मरीज़ की जान
सर्जनों की टीम में डॉ. तन्मय दत्ता, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डॉ. अजितेश साहू, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (एनेस्थीसिया) और डॉ. प्रदीप्त कुमार परिदा, ईएनटी विभाग के प्रमुख शामिल थे।