Categories: विज्ञान

अंतरिक्ष में भारत की तीसरी आंख से नहीं बचेंगे चीन और पाक, समुद्र में हो या पहाड़ पर, दुश्मन की हर हरकत पर होगी इंडियन आर्मी की नजर

<p>
यूं तो स्पेस और डिफेंस में भारत ने बहुत तरक्की कर ली है। तरक्की भी ऐसी जिससे आगे दुश्मन थर्राते हैं। दुश्मनों के दिलों को दहलाने के लिए भारत एक और बड़ा कदम उठाने जा रहा है। इसके बाद आतंकवादी हों या दुश्मन देश की सेना, हर किसी की एक-एक गतिविधि पर भारत की नजर होगी। अब देश की सीमाओं की ओर देखने की जुर्रत करना भी दुश्मनों पर भारी पड़ेगा। भारत लगभग तीन हफ्ते बाद आसमान में भारत की तीसरी आंख काम करना शुरू कर देगी। भारत सरकार के विज्ञान और टेक्नोलॉजी से मिली जानकारी के अनुसार 28 मार्च तो जीसैट-1 सैटेलाइट स्पेस में स्थापित करने जा रहा है।</p>
<p>
इस सैटेलाइट से न केवल दुश्मनों की हर चाल का पर्दाफाश होगा बल्कि मौसम संबंधित आपदाओं को भी मॉनीटर किया जा सकेगा। जीसैट-1आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से जीएसएलवी-एफ 10के जरिये लॉन्च किया जायेगा।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/science-news/central-minister-jitendra-singh-on-national-science-day–under-pm-modi-leadership-india-is-becoming-hub-of-scientific-innovation-24889.html">इसे भी पढ़ेंः पीएम मोदी के नेतृत्व में वैज्ञानिक नवाचार का हब बन रहा भारतः जितेंद्र सिंह</a></p>
<p>
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)  ने रविवार को बताया, ‘हम 28मार्च को इस जियो इमेजिंग उपग्रह को प्रक्षेपित करने जा रहे हैं, हालांकि यह मौसम की स्थितियों पर निर्भर करेगा।’ यह उपग्रह 36,000किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जीएसएलवी-एफ 10के जरिये जीसैट-1का प्रक्षेपण पिछले साल पांच मार्च को होने वाला था।</p>
<p>
<a href="https://hindi.indianarrative.com/science-news/isro-mapmyindia-team-up-to-take-on-google-mapsearth-digital-maps-navigation-apps-24553.html">इसे भी पढ़ेंः खत्म होगी गलत मैप दिखाने की Google की मनमानी, ISRO लाएगा नेविगेशन एप</a></p>
<p>
अंतरिक्ष विभाग के अफसरों के मुताबित, ‘यह भारत के लिए कुछ मायने में महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘उच्च स्तर के कैमरों के साथ, इस उपग्रह से भारतीय जमीन और महासागर और विशेष रूप से भारत सीमा रेखा पर निरंतर निगरानी की जा सकेगी।’ यह प्राकृतिक आपदाओं और किसी भी अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करेगा। इसरो ने कहा कि जीसैट-1का वजन 2,268किलोग्राम है और यह एक अत्याधुनिक पर्यवेक्षण उपग्रह है।</p>
<p>
इसरो ने 28फरवरी को अपनी कॉमर्शियल यूनिट ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (एनसिल) के पहले समर्पित मिशन के तहत ब्राजील के अमेजोनिया-1और 18अन्य उपग्रहों का पीएसएलवी (ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान) सी-51के जरिए यहां श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया था। इन 18उपग्रहों में से पांच उपग्रह छात्रों ने बनाए थे।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago