विज्ञान

China ने फेल करवाया रूस का लूना-25 मिशन! लॉन्चिंग में था शामिल, फेल होते ही बदले सुर

Luna 25 Russia: रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान के क्रैश होने से सबसे ज्यादा कोई देश खुश है तो वो चीन है। रूस ने लूना-25 के चंद्रमा पर लैंडिंग में चीन की मदद ली थी। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी पहले से ही रूस के रोस्कोस्मोस से संबंध तोड़ चुके हैं। ऐसे में रूस के पास चीन की मदद लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं था। बताया जा रहा है कि लूना-25 के चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त होना सिर्फ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए ही झटका नहीं है, बल्कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी शर्मिंदगी की बात है, जो चंद्रमा पर बेस बनाने के लिए रूस के साझेदार हैं। चीन और रूस के इस महत्वकांक्षी मिशन का उद्देश्य अमेरिका और उसके सहयोगियों को अंतरिक्ष में चुनौती देना है।

रूस-चीन चंद्रमा पर बेस खोलना चाहते हैं

रूसी अंतरिक्ष यान लूना-25 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था। लूना-25 की लैंडिंग साइट उसी इलाके में है, जहां चीन और रूस की अंतरिक्ष एजेंसियों ने 2021 में एक ज्वाइंट बेस के निर्माण की घोषणा की थी। चीनी मीडिया ने इस महीने की शुरुआत में रिपोर्ट दी थी कि चीन के डीप स्पेस एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट के चीफ और मुख्य डिजाइनर वू यानहुआ ने लूना-25 की लॉन्च में भाग लेने और दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष कार्यक्रमों के बीच सहयोग को गहरा करने पर चर्चा करने के लिए रूस के सुदूर पूर्व में वोस्तोचन कोस्मोड्रोम में एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

लूना-25 के क्रैश होते ही चीन ने पल्ला झाड़ा

जब रूस का लूना-25 मिशन विफल हो गया तो चीन ने चुपचाप इससे किनारा कर लिया। चीनी मीडिया में लूना-25 की रिपोर्टें बहुत कम हो गई हैं। आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने रविवार को केवल पांच वाक्य का एक छोटा संदेश जारी किया था। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के कंट्रोल वाले ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक हू जिजिन ने अखबार में एक ओपिनियन में लिखा कि इस विफलता से रूस की महत्वाकांक्षाओं को झटका लगने की उम्मीद है। अंतरिक्ष इतिहासकार अलेक्जेंडर जेलेज़्न्याकोव ने आरबीसी को बताया कि हमें सब कुछ फिर से सीखना होगा। हमें सीखना चाहिए कि आत्मविश्वास के साथ चंद्रमा तक कैसे उड़ान भरें, उसकी सतह पर आत्मविश्वास के साथ कैसे उतरें और उसके बाद ही चीन या अन्य देशों के साथ अकेले भव्य योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए आगे बढ़ें।

ये भी पढ़े: देखें: Chandrayaan-3 ने लैंडिंग से ठीक पहले चंद्रमा के सुदूर हिस्से की साझा कीं तस्वीरें

china रूस दे रहा कम महत्व

पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर हमले के बाद से चीनी मीडिया ने चंद्र बेस (Lunar Base) में रूस की भूमिका को कम करके आंका है। रूस के विपरीत चीन चंद्रमा पर दूसरों को पछाड़ने के अपने प्रयास में सफल रहा है। चीन 2019 में चंद्रमा के एक दूर-दराज के इलाके में अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बना था। चार साल से अधिक समय बाद भी उसका युतु-2 चंद्र रोवर सक्रिय बना हुआ है। जेम्सटाउन फाउंडेशन के एक सीनियर फेलो और अंतरिक्ष नीति के शोधकर्ता पावेल लुजिन ने कहा, पर्दे के पीछे, चीन पहले से ही मानता है कि अंतरिक्ष भागीदार के रूप में रूस का महत्व सीमित है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago