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अब चांद पर भी होगा Wi-Fi कनेक्शन, Space में मिलेगा भरपूर इंटरनेट, NASA ने तैयार किया मेगा-प्लान

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वैज्ञानिक अब चांद पर दुनिया बसाने की तैयारी कर रहा हैं। इस कड़ी में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने चांद पर वाई-फाई नेटवर्क लगाने की भी तैयारी शुरु कर दिया हैं। वाई-फाई प्रोग्राम की खुलासा नासा की कम्पास लैब ने किया। वाई-फाई कनेक्शन का तैयारी मिशन आर्टेमिस के तहत चल रही हैं। वाई-फाई के जरिए अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने में आने वाली चुनौतियों लगभग खत्म हो जाएंगी और कई बढ़ती समस्याओं का समाधान भी अपनेआप हो जाएगा। दरअसल, नासा को क्रू, रोवर्स, विज्ञान और खनन उपकरणों के पृथ्वी से संपर्क में रहने के लिए एक बेहतर कनेक्शन की जरूरत है, जिसके चलते वाई-फाई नेटवर्क लगाने पर काम किया जा रहा हैं।</p>
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आपको बता दें कि नासा चांद को लेकर अपना अगल मिशन 'मून मिशन' की शुरुआत करने जा रहा हैं। इस मिशन को पूरा करने में वाई-फाई की जरुरत होगी। जिसके तहत वैज्ञानिकों को सीधे और आसान तरीकों से चांद पर रहस्यों के बारे में पता चल पाएगा। नासा ने प्रेस रिलीज में बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार क्लीवलैंड के लगभग 31 फीसदी घरों में ब्रॉडबैंड की सुविधा नहीं है। इससे पहले खबर आई थी कि नासा चांद को लेकर अपने अगले मून मिशन शुरुआत करने जा रहा है। इस मिशन का लक्ष्य चांद की सतह पर एक स्थायी क्रू स्टेशन का निर्माण करना है।</p>
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इसके लिए किसी अंतरिक्ष यात्री को चांद पर भेजने से पहले एजेंसी चंद्रमा के ठंडे, छायादार दक्षिणी ध्रुव पर गोल्फ-कोर्ट के आकार का एक रोबोट लॉन्च कर रही है। इस रोवर का नाम VIPER यानी Volatiles Investigating Polar Exploration Rover होगा। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर जल स्रोतों की खोज में 100 दिन बिताएगा। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ा पहला सर्वे होगा। चांद का निर्माण 4.5 अरब साल पहले पृथ्वी और थेया नाम के एक ग्रह के टकराने से बचे अवशेषों से चंद्रमा का निर्माण हुआ था। अपोलो मिशन के दौरान अंतरिक्ष यात्री चांद से कुछ टुकड़े लेकर आए थे। ये टुकड़े उसी ग्रह के हैं। चांद का वजन लगभग 81 अरब टन है. चांद पूर्णता गोल नहीं है, यह अंडे के आकार का है।</p>

आईएन ब्यूरो

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