सोलर तूफान के खतरे को लेकर नासा (NASA) ने लोगों को चेतावनी दी है। नासा ने कहा है कि अगर भविष्य में कभी बहुत बड़ा सोलर स्ट्रोम या सौर तूफान आता है तो धरती पर केवल 30 मिनट पहले ही अलर्ट जारी किया जा सकेगा। अगर इन 30 मिनट में लोग खुद को सुरक्षित बचा लेते हैं, तब कुछ हद तक गुंजाइश बचेगी वरना तबाही का मंजर देखने में थोड़ी भी देर नहीं लगेगी।
नासा (NASA) अंतरिक्ष की गतिविधि पर पैनी नजर रखता है। किस ग्रह की चाल कैसी है, कौन सा चट्टान धरती के आपस आ रहा है, जैसी तमाम चीजों पर नासा (NASA) की नजर होती है। समय-समय पर नासा भी कई तरह की चेतावनी जारी करता रहता है। हाल ही में नासा ने जो नया ऐलान किया, उसे जानने के बाद लोगों के दिल की धड़कन बढ़ गई है। आखिर ऐसा हो भी क्यों ना? नासा ने खुलासा किया है कि जब धरती पर प्रलय आएगा, तब लोगों के पास मात्र आधा घंटा होगा। यानी कोई भी भविष्यवाणी लोगों को उनकी जान बचाने में मदद नहीं करेगी।
NASA के वैज्ञानिक DAGGER नाम की एक नई तकनीक पर कर रहे हैं शोध
सोलर स्ट्रोम के खतरे से दुनिया को बचाने के लिए नासा(NASA) के वैज्ञानिक DAGGER नाम की एक नई तकनीक पर शोध कर रहे हैं। डेली स्टार में छपी एक खबर के मुताबिक DAGGER सोलर स्ट्रोम से जुड़ी अधिक जानकारी देने में मदद करेगा। इस तकनीक की मदद से सोलर तूफान का कुछ मिनट पहले अनुमान लगाया जा सकता है और इसकी दिशा भी बताई जा सकती है।
रेडिएशन का पूरी दुनिया पर असर
वैज्ञानिकों का कहना है कि सोलर तूफान से निकलने वाला रेडिएशन पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। इतना ही नहीं यह धरती के आसपास के वातावरण में भी असर दिखाता है। गौरतलब है कि इतिहास में पहले भी कई सोलर तूफान दर्ज किए जा चुके हैं। कनाडा के क्यूबेक शहर में एक सोलर तूफान साल 1989 में दर्ज किया गया था। इसकी वजह से पूरे शहर की बिजली लापता हो गई थी। वहीं साल 1859 में अमेरिका में महाशक्तिशाली सौर तूफान नोटिस किया गया था।
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