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NASA का Dart Mission सफल, भारी तबाही से बच जाएगी पृथ्वी- देखें सारी जानकारी

NASA Dart Mission

NASA Dart Mission: भविष्य में किसी भी उल्कापिंड से धरती को बचाने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की ओर से किया गया टेस्ट सफल हो गया है। इतिहास में पहली बार किसी Planetary Defense Test, जिसे डार्ट मिशन (NASA Dart Mission) नाम दिया गया था, उसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। अब भविष्य में धरती के ऊपर अगर किसी तरह के उल्कापिंड के टकराने का खतरा मंडराता है तो इस यूनिक तकनीक से पृथ्वी को बचाया जा सकता है। लेकिन, इसके लिए नासा (NASA Dart Mission) ने अरबों पैसे खर्ज किये हैं। हालांकि, इस मिशन के दौरान स्पेसक्राफ्ट और उस पर लगा कैमरा दोनों नष्ट हो गए।

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दोनों कैमरा हुआ नष्ट लेकिन मिशन सक्सेसफुल
डार्ट डिमोर्फोस नामक एक ऐस्टरॉइड से टकराया जिसकी चौड़ाई 160 मीटर है। डार्ट (NASA Dart Mission) का कैमरा ऐस्टरॉइड के साथ टक्कर तक प्रति सेकेंड एक तस्वीर धरती पर भेज रहा था। टकराने के बाद स्पेसक्राफ्ट और उस पर लगा कैमरा दोनों नष्ट हो गए। शुरुआत अनुमान हैं कि यह टक्कर डिमोर्फोस के केंद्र से करीब 17 मीटर दूर हुई है। डिमोर्फोस धरती के लिए कोई खतरा नहीं था लेकिन इस मिशन की सफलता हमारा भविष्य सुरक्षित बना सकती है।

मानव जाति के नए युग की शुरुआत
बीबीसी की खबर के अनुसार जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी अप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी (JHU-APL) में बैठे कंट्रोलर्स टक्कर से पहले डार्ट के कैमरे में डिमोर्फोस को देखकर खुशी से उछल पड़े। वैज्ञानिकों को मिशन की सफलता सुनिश्चित करने में कुछ हफ्ते लगेंगे क्योंकि अभी सिर्फ स्पेसक्राफ्ट सफलतापूर्वक टकराया है। लेकिन स्पेस एजेंसी में प्लैनेटरी साइंस की डायरेक्टर डॉ लोरी ग्लेज को लगता है कि एक बड़ी उपलब्धि हासिल की जा चुकी है। उन्होंने पत्रकारों से कहा, हम मानव जाति के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं, एक ऐसा युग जिसमें हम संभावित रूप से खतरनाक ऐस्टरॉइड टक्कर से खुद को बचाने की क्षमता रखते हैं, हमारे पास पहले कभी यह क्षमता नहीं थी। एक अन्य इससे जुड़े वैज्ञानिक का कहना है कि, पृथ्वी के लोग अब आराम से सो सकते हैं क्योंकि, अब उनके पास एक बेहतर प्लेनेटरी डिफेंस सॉल्यूशन है।

खत्म कर सकता है धरती का अस्तित्व
बता दें कि, डिमोर्फोस एक बड़े ऐस्टरॉइड डिडिमोस का चक्कर लगाता है। शोधकर्ता डिडिमोस के चारों और डिमोर्फोस की कक्षा में बदलाव का अध्ययन करके मिशन की सफलता का पता लगाएंगे। धरती पर मौजूद टेलिस्कोप दोनों अंतरिक्ष चट्टानों को सटीक तरीके से मापेंगे। इस टक्कर से पहले डिमोर्फोस को 780 मीटर चौड़े डिडिमोस का चक्कर लगाने में 11 घंटे 55 मिनट का समय लगता था। अगर मिशन सफल हुआ है तो इस समय में कुछ मिनट की कमी आ सकती है। धरती के पास मौजूद इस तरह के एस्टरॉइट खतरा बन सकते हैं। ये खतरा कोई छोटा मोटा खतरा नहीं बहुत ही विशालकाय तबाही मच सकती है। जैसे धरती से धायनासोर गायब हो गये थे उसी तरह। हर ऐस्टरॉइड डिमोर्फोस जैसा छोटा नहीं होता। पृथ्वी को सबसे ज्यादा खतरा 10,000 मीटर चौड़े ऐस्टरॉइड से होता है जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावना 100 से 200 मिलियन साल में एक बार होती है। पृथ्वी के निकट ऐसे 4 ऐस्टरॉइड मौजूद हैं। टकराने पर ये 100 किमी चौड़ा क्रेटर (गड्ढा) बना सकते हैं और प्रलय ला सकते हैं।

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इतना आया खर्च
डिमोर्फोस से टकराकर नष्ट हुए स्पेसक्राफ्ट की कीमत 330 मिलियन डॉलर यानी 26,812,619,790 रुपये थी। डार्ट मिशन, डिडिमोस और डिमोर्फोस अब यहीं नहीं रुकने वाला। अब यूरोपियन स्पेस एजेंसी के तीन स्पेसक्राफ्ट डिडिमोस और डिमोर्पोस तक फॉलो-अब स्टडी के लिए जाएंगे। हालांकि, ये चाल साल बाद होगा और इस मिशन को हेरा (Hera Mission) कहा जाएगा।