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दिल्ली के 4 सरकारी स्कूलों में बन रहे इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के हॉकी एस्ट्रोटर्फ

दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में हॉकी का इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का एस्ट्रोटर्फ बनाया गया है। इस विश्वस्तरीय हॉकी मैदान को बनाने में 5.78 करोड़ रुपये की लागत आई है। दिल्ली सरकार के मुताबिक दिल्ली में ऐसे कुल 4 विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ बनाए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि इस मैदान को सरकारी नियमों का शिकार न बनने दें।

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को सर्वोदय बाल विद्यालय, अशोकनगर में विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, "हमने खिलाड़ियों के लिए तमाम सुविधाओं का इंतजाम कर दिया है। अब खिलाड़ियों और कोचेज से अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा दिखाकर देश के लिए मैडल लाने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने होनहार खिलाड़ियों को हर मदद देने का निर्देश दिया है ताकि सुविधाओं और पैसों के अभाव में कोई प्रतिभा पीछे न रह जाए।"

इस मौके पर ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार भी मौजूद थे। सिसोदिया ने कहा, "इस विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान को बनाने में टैक्सपेयर्स के 5.78 करोड़ रुपये लगे हैं। इस मैदान में खिलाड़ियों को खेलने का अवसर मिले, तो यह पैसा वसूल हो जाएगा। लेकिन अगर यहां से देश के लिए अच्छे खिलाड़ी न निकलें, तो पैसा बेकार जाएगा। इसलिए स्कूल और खेल अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि खिलाड़ियों को इस मैदान के उपयोग की पूरी सुविधा मिले।"

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि, "इस मैदान को सरकारी नियमों का शिकार न बनने दें। खिलाड़ियों की सुविधा और जरूरत के अनुसार नियम बनाए जाएं। किसी नियम में बदलाव की जरूरत हो, तो सरकार उसके लिए तैयार है।"

<img class="wp-image-19693" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2020/11/टर्फ-1024×680.jpg" alt="World Class Astro Turf Hockey Ground " width="444" height="295" /> दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 4 विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान बन रहे हैं।

दिल्ली सरकार का मानना है कि खेल की सुविधाएं देने के मामले में हमें लचीला होना पड़ेगा। लेकिन खेल की तैयारियों में खिलाड़ियों को सभी अनुशासन का पालन करना होगा, ताकि उनकी प्रतिभा का विकास हो।

दिल्ली सरकार, दिल्ली में ऐसे चार विश्वस्तरीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी मैदान बना रही है। यह तीसरा मैदान है। घुम्मनहेड़ा और झिलमिल में भी ऐसे मैदान बने हैं। 400 मीटर के चार रेसिंग ट्रैक और विश्वस्तरीय स्वीमिंग पूल भी बनाए गए हैं। इन सुविधाओं के कारण दिल्ली के सरकारी स्कूलों का खेलों में प्रदर्शन बेहतर हुआ है और मेडल लाने का ग्रॉफ बढ़ा है।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने होनहार खिलाड़ियों को हर जरूरी सुविधा देने की पूरी जिम्मेदारी ली है। खिलाड़ियों के लिए आवासीय सुविधा तथा स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है। गोल्ड मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को भी यह सोचना पड़ता है कि उनका एडमिशन कहां होगा। लेकिन हम उन्हें स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन देंगे।

उन्होंने कहा कि जब कोई खिलाड़ी जीतकर आता है, तो हर सरकार उसकी मदद करती है। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पांच साल पहले ही कह दिया था कि हमारे होनहार खिलाड़ी जब खेल के मैदान में पसीना बहा रहे हों, उसी वक्त उन पर पैसा लगाना चाहिए। इसीलिए हमने होनहार खिलाड़ियों की मदद के लिए शानदार योजना चला रखी है। इसमें साढ़े तीन लाख से लेकर 16 लाख रुपये तक की सालाना राशि दी जाती है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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