Categories: खेल

Sourav Ganguly के खिलाफ गेंदबाजी करने वाला ये खिलाड़ी आज बेच रहा चाय, मुश्किल से चला रहा घर का खर्चा

<p>
हर युवा भारतीय क्रिकेटर्स की ख्वाहिश होती है कि वो एक दिन टीम इंडिया के लिए खेले, लेकिन हर किसी का ये सपना पूरा नहीं होता पाता। कई बार जिंदगी में ऐसे मोड़ आते है जब खिलाड़ियों को अपने सपनों से समझौता करना पड़ता है। कुछ ऐसी ही कहानी है प्रकाश भगत की….  खेल में आगे बढ़ने के लिए हौसले और जुनून से कहीं ज्यादा पैसों की भी जरूरत होती है। लेकिन पैसे न होने के कारण असम के लिए रणजी क्रिकेट खेल चुके प्रकाश भगत को अपने सपनों से समझौता करना पड़ा। आज वो अपना गुजारा चाय और दाल पूड़ी बेचकर कर रहे है।</p>
<p>
प्रकाश भगत असम राज्य के लिए कई राष्ट्रीय और स्टेट लेवल के टूर्नामेंट में हिस्सा ले चुके हैं। भगत असम की टीम के लिए तीन रणजी मैच खेल चुके हैं। टीम के सदस्य के तौर पर उन्होंने 2010और 2011में रणजी ट्रॉफी में रेलवे, जम्मू-कश्मीर और गोवा के खिलाफ मुकाबले खेले हैं। हालांकि, फर्स्ट क्लास क्रिकेट के पहले तीन मैचों में उनको उस तरह की सफलता नहीं मिली, जिसकी उम्मीद उनको और उनके परिवार को रही होगी। उन्होंने सिर्फ एक ही विकेट तीन मैचों की 3पारियों में हासिल किया है।</p>
<p>
<img alt="" src="https://hindi.indianarrative.com/upload/news/Indian_cricket_team.jpg" style="width: 1000px; height: 561px;" /></p>
<p>
प्रकाश भगत ने बताया है कि उन्होंने साल 2003में बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग ली थी। एक इंटरव्यू में  प्रकाश भगत ने कहा कि एनसीए ट्रेनिंग के दौरान मैंने सौरव गांगुली को गेंदबाजी की थी। उस समय मुझे सचिन तेंदुलकर, जहीर खान, हरभजन सिंह और वीरेंद्र सहवाग से मिलने का मौका मिला था। सौरव गांगुली इसलिए इस गेंदबाज से गेंदबाजी कराना चाहते थे, क्योंकि गांगुली एक ऐसा स्पिनर चाह रहे थे जो न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी की तरह गेंदबाजी करता हो। </p>
<p>
प्रकाश ने बताया कि मुझे अपने पिता के निधन के बाद 2011में क्रिकेट छोड़ना पड़ा। मेरे पिता और बड़े भाई दीपक भगत चाट बेचते थे। पिता के निधन के बाद मेरे भाई भी बीमार पड़ गए। उसका भाई दीपक शादीशुदा हैं और उनके दो छोटे बच्चे हैं। अगर असम क्रिकेट संघ या अन्य कोई संस्थान उनकी वित्तीय रुप से मदद करता है तो वो अपना क्रिकेट करियर फिर से शुरू कर सकेंगे। क्रिकेट छोड़ने के बाद मैंने परिवार चलाने के लिए एक मोबाइल कंपनी में काम करना शुरू किया, लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन में पिछले साल नौकरी छूट गई।</p>
<p>
 </p>

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago