खेल

ऐसा विदेशी खिलाड़ी जो आया तो था भारत पढ़ने,लेकिन बन गया टीम इंडिया का बड़ा खिलाड़ी!

भारतीय क्रिकेट टीम का पहला विदेशी खिलाड़ी जो भारत पढ़ने आया था, लेकिन वो बन गया हिन्दुस्तान का धाकड़ क्रिकेटर। यह खिलाड़ी साल 2007 से 2009 तक भारतीय टीम का फील्डिंग कोच रहा, और  2001 तक भारतीय टीम का अहम खिलाड़ी। अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान इस खिलाड़ी ने भारत के लिए कुल 136 पारी खेली।

ये कहानी है, भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर और जबरदस्त फिल्डर रहे रॉबिन सिंह की। रॉबिन सिंह का असल नाम रवीन्द्र रामनारायण सिंह है। रॉबिन सिंह का जन्म 14 सितंबर 1963 को वेस्टइंडीज के ट्रिनिडेड में हुआ। फिलहाल वो 60 साल के हो चुके हैं। रॉबिन सिंह भारतीय मूल के हैं, उनके पूर्वज करीब 150 साल से वेस्टइंडीज में रह रहे थे। रॉबिन की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। क्योंकि किसी विदेशी खिलाड़ी का भारत आना और फिर भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बनना इतना आसान नहीं था। इस दौरान रॉबिन को लबां संघर्ष से गुजरना पड़ा।

रॉबिन सिंह वेस्टइंडीज से 80 के दशक में अपना घर ,परिवार के साथ-साथ अपना देश छोड़कर भारत पढ़ने के लिए आए। लेकिन इकोनॉमिक्स का यह स्टूडेंट करोड़ों की भीड़ में ऐसा कमाल कर जाएगा इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी।

रॉबिन सिंह ने क्रिकेट की शुरुआत बचपन से ही कर ली थी, वह ट्रिनिडेड में क्रिकेट की ट्रेनिंग किया करते थे। अपने देश यानी वेस्टइंडीज में वो स्कूल और क्लब लेवल पर क्रिकेट खेला करते थे। दरअसल, 80 के दशक में हैदराबाद की एक टीम कोई टूर्नामेंट खेलने वेस्टइंडीज गई हुई थी। उस दौरान रॉबिन सिंह ट्रिनिडेड की ओर से मैच खेले थे। मैच के दौरान रॉबिन के बढ़िया प्रदर्शन को देख एक शख्स ने उन्हें भारत आने का निमंत्रण दिया। और इस तरह सिर्फ 19 साल की उम्र में ही रॉबिन 1982 में मद्रास आ गए।

मद्रास आकर रॉबिन सिंह ने सबसे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास में दाखिला लिया। और पढ़ाई के संग-संग रॉबिन ने क्रिकेट भी खेलना शुरु कर दिया। और इस तरह वो चेन्नई के ही बनकर रह गए। हालांकि 1989 में उन्हें भारत का नागरिकता मिलने के बाद ही वेस्टइंडीज टूर के लिए टीम इंडिया में सिलेक्शन हो पाया।

रॉबिन सिंह ने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत अपने पूर्व देश यानी वेस्टइंडीज के खिलाफ ही खेल कर की,लेकिन उस सीरीज में उन्हें सिर्फ दो बार ही मौका मिला। इसके बाद अगले मौका के लिए उन्हें सात साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। सात साल बाद यानी 1996 में टाइटन कप में उन्हें एक बार फिर मौका मिला।और इस तरह वो साल 2001 तक लगातार टीम का हिस्सा रहे।रॉबिन सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कुल 136 वनडे खेला।

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Brajendra Nath Jha

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