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Tokyo Olympics: वजन कम करने के लिए मैदान पर उतरे Neeraj Chopra ने Tokyo में रच दिया इतिहास

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टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के पुरुष भालाफेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है। उन्होंने शनिवार को 87.58 मीटर का थ्रो फेंकते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया और इसी के साथ वह भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक दिलाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। टोक्यो ओलिंपिक-2020 की शुरुआत से पहले से ही वह भारत के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे, और अब भाला फेंक में वह आज दुनिया के महान खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं। लेकिन कम ही लोगों को पता है कि एक समय ऐसा था जब वह वर्कआउट करना भी पसंद नहीं करते थे।</p>
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<strong>वजन कम करने के लिए उतरे थे मैदान पर</strong></p>
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बहुत ही कम लोगों को पता है कि नीरज चोपड़ा ने जब मैदान पर कदम रखा था तब उन्होंने खेल में जाने की कभी नहीं सोची थी। उनका वजन काफी बढ़ गया था और इसी वजन को कम करने के लिए उन्होंने फिल्म पर कदम रखा और आज टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया। हरियाणा के किसान परिवार से आने वाले नीरज जब 12 साल के थे तब उनका वजन 90 किलो का था। इस भारी वजन को कम करने के लिए उन्होंने मेहनत करना शुरू किया। और शिवाजी स्टेडियम से उनके करियर ने एक अलग मोड़ ले लिया। यहां पर उनकी मुलाकात भालाफेंक खिलाड़ी जय चौधरी से हुई।</p>
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<strong>यहां से शुरू हुआ करियर</strong></p>
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जय चौधरी ने नीरज चोपड़ा से भाला फेंकने के लिए कहा और पहले ही प्रयास में वह नीरज से प्रभावितक हो गए और फिर यहां से उनकी किस्मत बदल गई। अपने एक इंटरव्यू में जय चौधरी ने कहा था कि, स्टेडियम में एक दिन शाम को मैंने उनसे भाला फेंकने को कहा, उन्होंने फेंका और यह तकरीबन 30-40 मीटर की दूरी तक गया। मुझे सबसे ज्यादा उनके थ्रो करने का तरीका पसंद आया। उस समय नीरज का वजन काफी हुआ करता था, लेकिन उनका शरीर काफी लचीला था।</p>
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<strong>2016 में आए सुर्खियों में</strong></p>
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2016 में जब नीरज ने आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैंपियनशिप में जीत हासिल की तब वह सुर्खियों में आए। पोलैंड में खेले गए इस टूर्नामेंट में 86.48 मीटर की दूरी तय कर नीरज चोपड़ा ने जूनियर विश्व रिकॉर्ड बना दिया और इसी के साथ इस इवेंट में वे विश्व खिताब जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए। 2017 में एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 2018 में खेले गए गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल और जकार्ता एशियाई खेलों में भी वह पदक जीतने में सफल रहे।</p>
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<strong>टोक्यो में रचा इतिहास</strong></p>
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टोक्यो में नीरज चोपड़ा ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर का थ्रो फेंका। दूसरे प्रयास में 87.58 का थ्रो किया। तीसरा प्रयास अच्छा नहीं रहा और वह सिर्फ 76.79 की थ्रो ही फेंक सके। चौथे और पांचवें प्रयास में नीरज फाउल कर गए और आखिरी प्रयास में नीरज ने 84.24 का थ्रो किया। इसकी के साथ वह भारत को एथलेटिक्स में पहला ओलंपिक पदक दिलाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। वह ओलंपिक में भारत के दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपना नाम किया है। उनसे पहले पुरुष निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भारत को बीजिंग ओलंपिक-2008 में स्वर्ण पदक दिलाया था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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