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Musalman
अंतर्राष्ट्रीय
अलविदा तारिक़ फ़तेह साहब,आपने तो बस रौशनी की बात की थी,मगर अंधेरे में रहने वालों ने गालियां बरसायीं
ऐ मुसलमानों ! ये तुमने क्या किया ?' 'अमल की किताब थी दुआ की किताब बना दिया समझने की…
2 years ago