बिहार चुनाव के पहले कुनबा बढ़ाने में जुटा महागठबंधन!

बिहार में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। इधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के महागठबंधन में अभी तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बनी है, लेकिन महागठबंधन के 'थिंकटैंक' गठबंधन के कुनबे को बढ़ाने में जुटे हैं।

कहा जा रहा है इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में वामपंथी दल तो महागठबंधन के घटक दलों में शामिल होंगे ही, झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी महागठबंधन में शामिल होकर चुनाव मैदान में उतरने वाली है, जिसके संकेत झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दे चुके हैं।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दो दिन पूर्व रांची में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने के बाद कह चुके हैं कि झामुमो बिहार में राजद के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। उल्लेखनीय है कि झारखंड में झामुमो, कांग्रेस और राजद की सरकार है। सूत्र बताते हैं कि कई छोटे दलों को बड़े दलों पर भी विलय करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

सूत्रों का कहना है कि राजद राज्य के सभी 243 सीटों पर घटक दलों के प्रभाव और क्षेत्रों में उम्मीदवारों की लोकप्रियता का भी आकलन कर रही है। कहा जा रहा है कि राजद इस चुनाव को प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रही है, यही कारण है कि राजद महागठबंधन में शामिल सभी घटक दलों से इच्छुक सीटों की सूची भी मांग रही है। राजद नेतृत्व घटक दलों को स्पष्ट संकेत भी भेज चुका है कि इस चुनाव में जिताउ उम्मीदवारों को ही चुनाव मैदान में उतारा जाए।

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि महागठबंधन का आकार अभी और बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि कई दलों से अभी बात हो रही है। इधर, सूत्र कहते हैं कि राजद ऐसे दलों को ही महागठबंधन में शामिल करना चाहता है जो राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के उतराधिकारी उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर उंगली नहीं उठा पाएं।

राजद प्रवक्ता तिवारी स्पष्ट कहते हैं कि राजद महागठबंधन में सबसे बड़ा दल है। राजद पूर्व में ही घोषणा कर चुकी है कि पार्टी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरेगी और तेजस्वी ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

उल्लेखनीय है कि पिछले विधनसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, राजद और जद-यू बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव मैदान में उतरे थे और राजद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।

इस चुनाव में जद-यू राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल है। ऐसे में कहा जा रहा है कि राजद इस चुनाव में किसी भी हाल में पिछले चुनाव की तुलना में अधिक सीटों पर जीतने की योजना बना रही है, जिससे कोई भी तेजस्वी के नेतृत्व पर उंगली नहीं उठा सके। सूत्रों का कहना है कि राजद नेतृत्व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी महागठबंधन में लाने को लेकर प्रयासरत है।

बहरहाल, महागठबंधन का नेतृत्व भले ही अपना कुनबा बढ़ाकर खुद को और मजबूत करने में जुटी है, लेकिल कुनबा बढ़ने के बाद सभी की सहमति से सीट बंटवारा हो जाए, यह आसान नहीं होगा।.

डॉ. शफी अयूब खान

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