बिहार में चुनाव से पहले दोनों गठबंधन दलित वोट बैंक को लुभाने में जुटे

बिहार में सत्ता पक्ष गठबंधन हो या विपक्ष का गठबंधन, दोनों अनुसूचित जाति (एससी) के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में जुटे हैं। यही कारण है कि नेताओं और पार्टियों के गठबंधन बदलने का सिलसिला प्रारंभ हो गया है।

बिहार की कुल आबादी का लगभग 16 प्रतिशत एससी है। इसमें पासवान (लगभग 5.5 प्रतिशत) और रविदास (लगभग 4 प्रतिशत) समुदाय इसके प्रमुख घटक हैं। ये चुनाव में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने महागठबंधन को छोड़कर राजग के प्रमुख घटक दल जनता दल (युनाइटेड) के साथ गठबंधन कर राजग के घटक दलों में शामिल हो गए। मांझी को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बाद बिहार की राजनीति में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण दलित नेता के रूप में देखा जाता है।

फिलहाल सभी दल खासकर राजद और जदयू एससी वोटरों को अपनी तरफ करने की कोशिश में जुटे हैं।

उल्लेखनीय है कि राजग के दो घटक दलों -लोजपा और जदयू के बीच शीतयुद्ध जारी है। लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ पिछले दो-तीन महीनों से तीखी नोंक-झोंक चल रही है, जिससे राजग की एकजुटता पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है। इस बीच जदयू ने एक राजनीतिक चाल चलते हुए मांझी को अपने पक्ष में लाकर ताजा राजनीति में उबाल ला दिया है।

इधर, लोजपा ने शुक्रवार को सभी स्थानीय समाचार पत्रों में एक पेज का विज्ञापन देकर सभी दलों पर निशाना साधा है। विज्ञापन में कहा गया है, "वो लड़ रहे हैं हम पर राज करने के लिए, हम लड़ रहे हैं बिहार पर नाज करने के लिए।"

हालांकि, इस विज्ञापन को जदयू पर दबाव की रणनीति मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष अभी से ही राजग पर निशाना साधने लगा है।

राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं, राजग में एक 'चिराग' ने ही आग लगा दी है, अब राजग को कोई बचाने वाला नहीं है। इससे पहले ही मांझी भी पहुंच गए हैं जो नैया डूबायेंगे ही।

पूर्व मंत्री श्याम रजक ने जदयू को छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी राजद में फिर से शामिल हो गए हैं, जिसे दलित राजनीति के रूप में ही देखा जा रहा है। इधर, जदयू ने एससी समुदाय के ही पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार को भी पार्टी में शामिल कर लिया है।

जद (यू) के प्रवक्ता और सूचना और जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा, " राजग सरकार ने एससी समुदाय के विकास के लिए क्या किया है, यह सभी लोग जानते हैं। प्रत्येक परिवार को आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए एक दर्जन योजनाएं चलाई गई हैं। सरकार ने उनके कल्याण के लिए महादलित विकास मिशन बनाया।".

डॉ. शफी अयूब खान

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