बिहार में भाजपा ने आक्रामक डिजिटल प्रचार अभियान शुरू किया

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में आक्रामक डिजिटल कैंपेनिंग शुरू की है। इसके दम पर विपक्ष के आरोपों का खंडन करने में पार्टी जुटी है। इसका मकसद हर तरह की बहस का रूख अपने पक्ष में मोड़ना है। भाजपा ने अब तक छह प्रमुख डिजिटल मीडिया कैंपेन लांच करके प्रचार में हलचल पैदा करने की कोशिश की है।

उसकी इस पहल से सोशल मीडिया पर पार्टी की पहुंच में जबर्दस्त इजाफा हुआ है। यह पूरा कैंपेन सोशल मीडिया और मीडिया में तालमेल के जरिए चलाकर भाजपा अपना नेरेटिव सेट कर रही है। जिससे कोरोना काल की शुरुआत में विपक्ष के ताबड़तोड़ हमलों से खिलाफ जाती हवा का रुख भी अब पार्टी अपनी तरफ करने में सफल हुई है।

यह पहली बार है जब बिहार चुनाव में, भाजपा जंगलराज को मुद्दा बनाने की जगह तथ्यों से अपनी बात रखकर राज्य में नई रणनीति से चुनाव लड़ने में जुटी है। भाजपा का कहना है कि विपक्ष भले नेगेटिव कैंपेनिंग करे, लेकिन हम इलेक्शन को पॉजिटिव ट्रैक पर ले जा रहे हैं।

बिहार भाजपा के प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, "जिस कोरोना को विपक्ष मुद्दा बनाए हुए थे, हमने तथ्यों से जवाब देकर उन्हें मैदान छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। भाजपा अपने पक्ष में माहौल बनाने में सफल साबित हुई है। पार्टी के पॉजिटिव कैंपेनिंग को बिहार के कोने-कोने से अभूतपूर्व समर्थन हासिल हुआ है।"

पार्टी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राष्ट्रीय मुख्यालय की निगरानी में बिहार भाजपा की ओर से लांच कैंपेन को एक खास टीम चला रही है। इसमे दिल्ली से आए एक एक्सपर्ट भी शामिल हैं। जो सोशल मीडिया और मीडिया के बीच कोऑर्डिनेशन कर कैंपेन को धार दे रहे। जानिए, वो कौन से कैंपेन हैं, जिससे भाजपा चुनाव का माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी है।

<strong>हारेगा कोरोना जीतेगा बिहार</strong>

भाजपा ने 'हारेगा कोरोना, जीतेगा बिहार' कैंपेनिंग के जरिए बिहार की जनता को सकारात्मकता से भरने की कोशिश की है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने जब कोरोना के मोर्चे पर एनडीए सरकार पर लगातार हमलावर हुए तो बीजेपी ने यह काउंटर कैंपेन शुरू किया। इस कैंपेन के जरिए भाजपा कोरोना से लड़ाई में बिहार मे स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम के बारे में जनता को जानकारी दे रही है। किस तरह से बिहार में रिकवरी रेट ज्यादा है, मृत्यु दर कम है, कितने अस्पतालों में बेड खाली हैं, ये सब बातें इस कैंपेन के जरिए जनता को बताई जा रहीं हैं।

<strong>सेवा में तत्पर, भाजपा निरंतर</strong>

'सेवा में तत्पर, भाजपा निरंतर' भी एक पॉजिटिव कैंपेन है। कोरोना काल में भाजपा की ओर से शहर से लेकर गांव तक जरूरतमंदों के लिए किए गए राहत इंतजामों के बारे में इस कैंपेन के जरिए बताया जाता है। इस कैंपेन के जरिए जनता को पार्टी संदेश दे रही है कि उनके सुख-दुख में भाजपा भागीदार है।

<strong>फर्क साफ है</strong>

इस कैंपेन के जरिए पार्टी राजद और एनडीए की सरकार का फर्क बता रही है। आंकड़ों के जरिए पूर्ववर्ती लालू और राबड़ी यादव की सरकार और बाद की एनडीए की सरकार के बीच के अंतर को बताने की कोशिश कर रही है। 2005 से पहले शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, परिवहन आदि क्षेत्रों में कितनी धनराशि खर्च होती थी और 2005 के बाद कितनी धनराशि खर्च हो रही है, इसका जनता के बीच पार्टी आंकड़े रखकर बता रही है कि कैसे बिहार बदल रहा है?

<strong>न भूला है बिहार, न भूलेगा बिहार</strong>

बारिश के दौरान बिहार में पुल, पुलियां और सड़कों के टूटने की घटनाओं पर विपक्ष सोशल मीडिया पर मुखर हुआ तो भाजपा ने यह काउंटर कैंपेन चलाना शुरू किया। इसके जरिए लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल में बिहार की हुई दुर्गति के बारे में पार्टी तस्वीरों, आंकड़ों आदि के जरिए बात रखकर जनता को उस दौर की घटनाओं को याद करा रही है।

<strong>मददगार एनडीए सरकार</strong>

भाजपा 'मददगार एनडीए सरकार' कैंपेन के जरिए एनडीए सरकार की उपलब्धियों को सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से जनता के बीच ले जाने में जुटी है। कैसे बिहार में बेटियों की पढ़ाई पर बल दिया गया, किस तरह से सामाजिक सहायता की योजनाओं को निचले तबके तक पहुंचाया गया, इन सब बातों को इस कैंपेन के जरिए जनता तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है।

<strong>क्या आप जानते हैं?</strong>

बिहार में गुड गवर्नेंस के मोर्चे पर एनडीए सरकार क्या कुछ कर रही है। 'क्या आप जानते हैं?' इस कैंपेन के जरिए जनता तक जानकारियां पहुंचाईं जा रहीं हैं। बिहार की कला और संस्कृति के बारे में भी सोशल मीडिया के जरिए स्थानीय और बाहर के लोगों को जानकारियां दीं जा रहीं हैं।

बिहार भाजपा के प्रवक्ता राजीव रंजन ने आईएएनएस से कहा, "बिहार के सभी गांवों में सरकार ने बिजली पहुंचाई है। 83 लाख महिलाओं को गैस सिलिंडर दिए गए हैं। 2.38 करोड़ महिलाओं के जनधन खाते में 15-15 सौ रुपये की आर्थिक सहायता कोरोना काल में सरकार ने भेजी है। और भी बहुत से कार्य हुए हैं। जिससे जनता एनडीए की सरकार फिर से बनाने के लिए मुखर है।".

डॉ. शफी अयूब खान

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