बिहार के जर्दालु आम, कतरनी चावल, मगही पान, मखाना की देश-विदेश में बढ़ेगी पहचान

बिहार के विशिष्ट कृषि व बागवानी उत्पाद जर्दालु आम, कतरनी चावल, मगही पान, मखाना अब देश-विदेश के बाजारों में अपनी पहचान बनाएंगे। इन उत्पादों के प्रसंस्करण के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में खास कार्यक्रम चल रहा है। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दी।

केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार को बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के अंतर्राष्ट्रीय छात्रावास का उद्घाटन किया। इस मौके पर तोमर ने बिहार कृषि वि.वि. द्वारा अपनी स्थापना के 10 वर्षों की अल्पावधि में ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से प्रकाशित श्रेष्ठता सूची में कृषि वि.वि. व सकमक्ष संस्थानों में देश में 18वां स्थान हासिल करने पर खुशी जताई।

उन्होंने, वि.वि. द्वारा यू-ट्यूब, वाट्सएप व सामुदायिक रेडियो से किसानों को ट्रेनिंग के साथ-साथ तकनीकी फिल्मों का प्रदर्शन करते कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की समसामयिक जानकारी प्रदान करने की भी सराहना की।

वि.वि. के विभिन्न कार्यक्रमों को यू-ट्यूब पर पसंद किए जाने से उसे गुगल से 'सिल्वर बटन' विशिष्ट सम्मान प्राप्त है। केंद्रीय प्रशासनिक सुधार व लोक शिकायत विभाग द्वारा वि.वि. को ई-गर्वनेंस पुरस्कार की प्राप्ति उसके डिजिटल सूचना तंत्र की समृद्धि का प्रमाण है।

तोमर ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सूचना तकनीक के माध्यम से किसानों के कौशल उन्नयन को बढ़ावा देने के लिए प्राप्त देश का प्रतिष्ठित स्कॉच 'गोल्ड मैडल' बिहार कृषि वि.वि. की सेवा भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि ई-गर्वनेंस एवं डिजिटाइजेशन के माध्यम से सिस्टम को गतिशील बनाया जाएं, जिसका सीधा किसानों को लाभ मिल सके। तोमर ने कहा कि 'एक देश-एक बाजार की व्यवस्था' से किसानों को लाभ होगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बिहार के कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा,"लोक सभा द्वारा मंजूर कृषि क्षेत्र के दोनों महत्वपूर्ण विधेयकों से किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी। किसान जहां चाहेगा-जिसे चाहेगा, अपनी फसल बेच सकेगा। ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी। किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी। एक देश-एक बाजार की दिशा में यह बहुत ही दूरदर्शी कदम है।"

इस मौके पर केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना है, जिसके लिए सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए किसानों को कृषि उद्यमिता की ओर प्रेरित करना होगा। कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा भी मौजूद थे।.

डॉ. शफी अयूब खान

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