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PFI टेरर फंडिंग मामले में NIA के एक्शन से बौखलाए कट्टरपंथी, 100 से अधिक पहुंचे हवालात

PFI के ठिकानों पर NIA की छापेमारी

PFI टेरर फंडिंग: इस्लामिक देश से भी कई ज्यादा भारत में मुस्लिमों को खुली आजादी दी गई है। बावजूद इसके कट्टरपंथी मुसलमान देश में लगातार नफरत फैलाने से बाज नहीं आते हैं। इधर गुपचुप तरह से बहुत सी ऐसी संस्थाएं चलती हैं जो लोगों के अंदर कट्टरता भरने की कोशिश कर रही हैं। हर किसी के बीच गलत प्रचार किया जाता है। मदरसों को लेकर एक नहीं बल्कि कई इतनी ऐसी रिपोर्ट सामने आ चुकीं हैं जिसमें दिखाया गया है कि छोटे बच्चों को भी अपना निशाना बनाया गया है। इन संस्थाओं में से एक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया भी है। जिसपर देश में हंगमा करने के आरोप लग चुके हैं।

इस बीच अब देश में आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रेंट ऑफ इंडिया (PFI) के ठिकानों पर छामेमारी की। इस बीच तमिलनाडु और केरल (Kerala) समेत कुल 11 राज्यों में कई जगहों पर रेड पड़ी है। मिली जानकारी के मुताबिक, PFI से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया है। बता दें कि पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये एनआईए की अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

गिरफ्तारी दो तरीके के लोगों के खिलाफ की गयी है। एक तो वह जो सीधे तौर पर पीएफआई की गतिविधियों में शामिल थे और दूसरा वह जो छापेमारी यह सर्च के दौरान धरना प्रदर्शन कर रहे थे। पीएफआई के ऊपर कार्रवाई के मामले में ज्यादातर गिरफ्तार लोग इस संगठन के पदाधिकारी हैं। आइए आपको बताते हैं अबतक एनआईए की इस कार्रवाई को लेकर कुछ बड़ी बातों के बारे में…

टेरर फंडिंग के मामलों में जमकर रेड

आतंकवादियों (Terrorist) को कथित तौर पर धन मुहैया कराने, उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करने और लोगों को प्रतिबंधित संगठनों से जुड़ने के लिए बरगलाने में कथित तौर पर शामिल व्यक्तियों के परिसरों पर छापे मारे गये। इस दौरान उन्होंने बताया कि एनआईए की टीम ने दस्तावेज, साहित्य, कम्प्यूटर, लैपटॉप और फोन जब्त कर लिए हैं। एनआईए पीएफआई से जुड़े कुल 19 मामलों की जांच कर रही है। एनआईए का कहना है पीएफआई द्वारा कथित रूप से किए गए हिंसक कृत्यों जैसे कि 2010 में केरल में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना और अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े व्यक्तियों की निर्मम हत्याओं का नागरिकों के मन में आतंक पैदा होने जैसा गहरा प्रभाव पड़ा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को एक बैठक की। समझा जाता है कि बैठक में पीएफआई से जुड़े परिसरों में की जा रही छापेमारी तथा आतंकवाद के संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई पर चर्चा की गयी।

केरल से हुई भरमार गिरफ्तारियां

अधिकारियों का कहना है। NIA, प्रवर्तन निदेशालय (ED) और संबंधित राज्यों के पुलिस बल ने गिरफ्तारियां की हैं। उन्होंने बताया कि जिन 15 राज्यों के 93 स्थानों पर ये छापेमारी की गई है, उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा, पश्चिम बंगाल, बिहार और मणिपुर शामिल हैं। इसके साथ ही अधिकारियों ने बताया कि सबसे ज्यादा गिरफ्तारी केरल (22) में की गई। इसके अलावा महाराष्ट्र (20), कर्नाटक (20), तमिलनाडु (10), असम (9), उत्तर प्रदेश (8), आंध्र प्रदेश (5), मध्य प्रदेश (4), पुडुचेरी (3), दिल्ली (3) और राजस्थान (2) में गिरफ्तारी की गईं। उन्होंने बताया कि छापेमारी तड़के 3:30 बजे शुरू हुई और इसमें देश भर के विभिन्न कार्यालयों के कुल 300 एनआईए अधिकारी शामिल थे।

UAE के होटल से हो रही थी फंडिंग

आरोप पत्र में जिन लोगों को नामजद किया गया है, उनमें पीएफआई की छात्र शाखा सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव एवं पीएफआई सदस्य के ए रऊफ शरीफ, सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई की दिल्ली इकाई के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और सीएफआई/पीएफआई का एक अन्य सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं। ईडी ने इस साल दाखिल किए गए दूसरे आरोपपत्र में दावा किया था कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में स्थित एक होटल पीएफआई के लिए धन शोधन का ‘जरिया’ बना था।

महाराष्ट्र के पुणे में एनआईए की टीम ने 20 जगह पर छापेमारी की, जिसमें पुणे समेत मुंबई और भिवंडी में छापेमारी की गई। कोल्हापुर से NIA ने अब्दुल मौला को हिरासत में लिया है। मोइनुद्दीन मोमिन नाम के PFI के पदाधिकारी को भिवंडी से हिरासत में लिया गया है।

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मुस्लिम युवकों ने की खलल पैदा

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक छापे की कार्रवाई तड़के शुरू हुई और बेंगलुरु, दक्षिण कन्नड़ के जिला मुख्यालय मंगलुरु, उत्तर कन्नड़ के सिरसी और कलबुर्गी में 12 से अधिक स्थानों पर छापे मारे गए। कार्यालयों पर छापे के दौरान कई मुस्लिम युवक वहां पहुंच गए और उन्होंने ‘‘एनआईए वापस जाओ’’ के नारे लगाए। इन लोगों ने छापे की कार्रवाई में भी बाधा डालने की कोशिश की। पुलिस ने इन लोगों को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया।

क्या है पूरा मामला?

ईडी देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम विरोधी प्रदर्शनों, फरवरी 2020 में हुए दिल्ली दंगों को भड़काने, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक दलित महिला से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत के मामले में साजिश रचने और कुछ अन्य आरोपों को लेकर पीएफआई के कथित वित्तीय संबंधों’ की जांच कर रही है। जांच एजेंसी ने लखनऊ में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पीएफआई और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ दो आरोपपत्र दाखिल किए हैं।