राम की नीति और रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शक : मोदी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम की नीति और रीति सदियों से भारत का मार्गदर्शन करती रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इन्हीं सूत्रों, इन्हीं मंत्रों के आलोक में रामराज्य का सपना देखा था। राम का जीवन, उनका चरित्र ही गांधीजी के रामराज्य का रास्ता है।

मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है पूरी पृथ्वी पर श्रीराम के जैसा नीतिवान शासक कभी हुआ ही नहीं! श्रीराम की शिक्षा है कि कोई भी दुखी न हो, गरीब न हो। श्रीराम का सामाजिक संदेश है कि नर-नारी सभी समान रूप से सुखी हों। श्रीराम का निर्देश है कि किसान, पशुपालक सभी हमेशा खुश रहें।

मोदी ने कहा कि श्रीराम का आदेश है कि बुजुर्गों की,बच्चों की, चिकित्सकों की सदैव रक्षा होनी चाहिए। श्रीराम का आह्वान है कि जो शरण में आए,उसकी रक्षा करना सभी का कर्तव्य है। श्रीराम का सूत्र है कि अपनी मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। और ये भी श्रीराम की ही नीति है कि <strong>“</strong><strong>भय बिनु होइ </strong><strong>न </strong><strong>प्रीति</strong><strong>”</strong>॥ इसलिए हमारा देश जितना ताकतवर होगा, उतनी ही प्रीति और शांति भी बनी रहेगी।

मोदी ने कहा कि स्वयं प्रभु श्रीराम ने कहा है- <strong>देशकाल अवसर अनुहारी। बोले बचन बिनीत बिचारी॥ </strong>अर्थात, राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है!

मोदी ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने हमें कर्तव्यपालन की सीख दी है, अपने कर्तव्यों को कैसे निभाएं इसकी सीख दी है। उन्होंने हमें विरोध से निकलकर, बोध और शोध का मार्ग दिखाया है। हमें आपसी प्रेम और भाईचारे के जोड़ से राममंदिर की इन शिलाओं को जोड़ना है। हमें ध्यान रखना है,जब जब मानवता ने राम को माना है विकास हुआ है, जब जब हम भटके हैं विनाश के रास्ते खुले हैं। हमें सभी की भावनाओं का ध्यान रखना है। हमें सबके साथ से, सबके विश्वास से, सबका विकास करना है। अपने परिश्रम, अपनी संकल्पशक्ति से एक आत्मविश्वासी और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना है।

मोदी ने कहा कि तमिल रामायण में श्रीराम कहते हैं- <strong>“</strong><strong>कालम् ताय</strong><strong>,</strong><strong> ईण्ड इनुम इरुत्ति पोलाम्</strong><strong>”</strong>॥ भाव ये कि, अब देरी नहीं करनी है, अब हमें आगे बढ़ना है! आज भारत के लिए भी, हम सबके लिए भी, भगवान राम का यही संदेश है! मुझे विश्वास है, हम सब आगे बढ़ेंगे, देश आगे बढ़ेगा! भगवान राम का ये मंदिर युगों-युगों तक मानवता को प्रेरणा देता रहेगा, मार्गदर्शन करता रहेगा!

मोदी ने कहा कि वैसे कोरोना की वजह से जिस तरह के हालात हैं,प्रभु राम का मर्यादा का मार्ग आज और अधिक आवश्यक है। वर्तमान की मर्यादा है, दो गज की दूरी- मास्क है जरूरी।.

राकेश सिंह

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