राममंदिर बनाने में बहुत सारी ऐसी चीजों का प्रयोग होगा, जिससे मंदिर के इतिहास को पता करने में सहजता हो। इसलिए अब जो मंदिर निर्माण होगा उसमें एक टाइम कैप्सूल बनाकर जमीन के 200 फिट नीचे डाला जाएगा। इससे भविष्य में राम मंदिर के संघर्ष के इतिहस के बारे में पता करने में आसानी हो सकेगी।
रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को शुरू करने की तिथि 5 अगस्त तय की गयी है। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने आईएएनएस को बताया कि मंदिर निर्माण के समय एक टाइम कैप्सूल जमीन के 200 फिट नीचे डाला जाएगा। जिससे भविष्य में मंदिर के इतिहास और संस्कृति का लगाया जा सके।
चौपाल ने कहा, " इतिहास की जानकारी जरूरी है। इसलिए यह टाइम कैप्सूल डाला जाएगा।  आज खुदाई से जो अवशेष मिले हैं, वे बड़ा साक्ष्य हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भविष्य के इतिहास के लिये कई चीजें इसमें डाली जाएंगी। इसे विद्वान लोग तय करेंगे। इससे मंदिर के इतिहास का अध्ययन बड़ी आसानी से हो जाएगा। जिससे आने वाले समय में कोई विवाद न उत्पन्न हो। इतिहास सिद्ध करने के लिए बहुत लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है।"
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पांच अगस्त को रामंदिर निर्माण के लिए होंने वाले भूमि पूजन की व्यापक तैयारी कर रहा है। अभी आमंत्रण पत्र की सूची तैयार की जा रही है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कैसे कार्यक्रम किया जाए। इस पर भी गहन मंथन चल रहा है। घर-घर दीपक, मंदिरों भजन आदि की तैयारियां जोरों पर है।.
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