चीनी कंपनी शेनजेन जेनहुआ की जासूसी की खबरों को भारत सरकार ने गंभीरता से लिया है। इस प्रकरण की जांच के लिए सरकार ने एक एक्सपर्ट ग्रुप का गठन किया है। यह ग्रुप एक महीनें जांच पूरी कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा। इसके साथ ही विदेश मंत्रालय ने चीन के सामने इस मुद्दे को उठाया है। भारत ने चीन से भी इस प्रकरण में सफाई मांगी है।
इसी सिलसिले में कांग्रेस के नेता के.वेणुगोपाल ने विदेश मंत्री से पूछा था कि सरकार ने जासूसी काण्ड पर क्या किया है। वेणुगोपाल को जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा है कि इस मामले को विदेश मंत्रालय ने चीन के राजदूत के समक्ष उठाया। बीजिग में हमारे दूतावास ने इसे चीन के विदेश मंत्रालय के समक्ष भी उठाया।
चीनी पक्ष ने कहा कि शेनजेन जेनहुआ एक निजी कंपनी है।'' उन्होंने कहा, ''चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संबंधित कंपनी और चीन सरकार के बीच कोई संबंध नहीं है। जयशंकर ने पत्र में बताया कि शेनजेन जेन्हुआ के एक प्रतिनिधि ने कहा कि डेटा मुक्त स्रोत (ओपन सोर्सेज) से लिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि कंपनी ने गोपनीय सूत्रों से निजी जानकारियां हासिल किए जाने की बात से इनकार किया है।.
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