यदि ग्राहक सतर्क नहीं है तो ग्राहकों से ठगी करने का यह तरीका बहुत सामान्य है। दरअसल फ्यूल स्टेशन का कर्मचारी मीटर को रीसेट नहीं करता है, और ग्राहक को पूरी राशि का भुगतान करना पड़ता है, लेकिन फ्यूल कम मिलता है।
कई बार कम तेल भरने के लिए फ्यूल पंप मालिक और कर्मी मशीन में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगा देते हैं, जिससे मीटर पर पूरी मात्रा में तेल दिखाएगा, लेकिन ग्राहक को कम फ्यूल मिलता है।
कुछ पेट्रोल पंपों पर ग्राहकों के वाहन में बिना पूछे रेगुलर फ्यूल की जगह सिंथेटिक तेल भर दिया जाता है। सिंथेटिक तेल, सामान्य तेल से करीब 5 से 10 प्रतिशत महंगा होता है, इसलिए ग्राहकों को ज्यादा पैसे देने पडते है।
यदि आपको अपने वाहन में भरे जा रहे फ्यूल की क्वालिटी पर शक है, तो आप इंजन फिल्टर पेपर टेस्ट की डिमांड कर सकते हैं।