शहर के सबसे व्यस्त रास्तों में से एक पर बनी चूनामल हवेली पुराने समय की याद दिलाती है | इसके आस पास 140 दुकानें हैं। यह दिल्ली के चांदनी चौक में है।
महरौली में बनी इस जगह को लोदी साम्राज्य के समय बनाया गया था और ये ट्रैवेलर और परिवारों के लिए समय बिताने के लिए अच्छी जगह है।
1650 में निर्मित, लाल बलुआ पत्थर से बना ये मीनार तीन मंजिला लंबा है। छोटा मीनार अपनी स्थापत्य शैली और संरचना में कुतुब मीनार जैसा दिखता है।
780 एकड़ में फैला ये जंगल जॉगिंग करने वालों और साइकिल चलाने वालों के छीच काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है|यह दिल्ली के वसंत कुँज में स्थित है।
हिजड़ों का खानकाह के नाम से जाना जाने वाला यह स्थान किन्नरों के सम्मान में बना एक स्मारक है। यह दिल्ली के मेहरौली में स्थित है।
ये प्राचीन धरोहर उर्दू के मशहूर शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में बनवाई गयी थी |हवेली के अंदर एक म्यूज़ियम भी है। यह दिल्ली की गली क़ासिम जान,चाँदनी चौक में है।
दिल्ली की भीड़-भाड़ से दूर सतपुला बाँध का समृद्ध इतिहास और आस-पास के नज़ारे क़ाबिल-ए-तारीफ़ हैं | यह दिल्ली के खिड़की विलेज, मालवीय नगर में है।