पाकिस्तान का खूंखार-आतंकी चेहरा देखना है तो 'ढाका म्यूजियम' देखो

बांग्लादेश में पाकिस्तानी फौजों ने 1971  जो <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Operation_Searchlight"><strong><span style="color: #000080;">ऑपरेशन सर्च लाइट</span></strong></a> किया उसने एक बार तैमूर लंग और चंगेज खान जैसे क्रूर शासकों की याद दिला दी थी। दहशत और बहशत के वो दिन बांग्लादेश के लोग शायद ही भूल पाएं। यही कारण है कि इस्लामिक देश होने के बावजूद बांग्लादेशियों की आंखों में आंसू नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए नफरत का समुंदर भरा पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने 1971  में पाकिस्तानी फौजों के अत्याचार को नफरत और संहार की सुनामी बताकर पाकिस्तान के खूंखार और आतंकी चेहरे को एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया है।

पाकिस्तान के हुक्मरानों में जरा भी शर्म होती तो वो अपने पूर्ववर्ती शासकों की गलतियों पर माफी मांगते और <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/bangladesh-pm-sheikh-hasina-reiteratedpakistan-s-1971-atrocities-unforgivable-20215.html"><strong><span style="color: #000080;">बांग्लादेश</span></strong></a> के जख्मों पर मरहम लगाने की कोशिश करते। इसके विपरीत पाकिस्तान नफरत के रक्तबीजों को पाल-पोष रहा है। ढाका में आईएसआई के एजेंट बंग बंधु मुजीबुर्रहमान की आदमकद मूर्ति के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। पाकिस्तान के एजेंट बांग्लादेश में कठमुल्ला ताकतों को खरीदकर शेख हसीना सरकार को गिराने की नाकाम साजिशें कर रहे हैं।

भारत और बांग्लादेश दोनों ने ही पाकिस्तानी  फौज की 1971  में की गई ज्यादतियों पर दुख व्यक्त किया। बांग्लादेश की आजादी  से पहले पाकिस्तानी फौजों ने  लाखों महिलाओं के साथ दुष्कर्म और 30 लाख से ज्यादा बांग्लादेशियों की हत्या की थीं।

दिसंबर का महीना पूर्वी पाकिस्तान के अंत और बांग्लादेश के उदय का महीना है। (तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान) में 25 मार्च 1971 को आधी रात के बाद पाकिस्तानी फौज ने नरसंहार शुरू किया था और  इसका अंत भारत की दखल के बाद पाकिस्तान की सेना के समर्पण के साथ 16 दिसंबर को हुआ था।

इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान की सेना के द्वारा तीस लाख से ज्यादा मारे गए लोगों और दो लाख से भी ज्यादा महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं पर दुख जताते हैं। यह इतिहास का जघन्यतम नरसंहार है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरस ने 1971

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में 1971 के नरसंहार को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश इस नरसंहार को भुला नहीं सकता। उन्होंने नरसंहार में मारे गए लोगों को याद करते हुए कहा कि हम ये शपथ लें कि अब ऐसे अत्याचार की पुनरावृत्ति नहीं होने देंगे। संयुक्त राष्ट्र में शेख हसीना ने पाकिस्तानी सेना के द्वारा किए गए नरसंहार के बारे में पूरी दुनिया को बताया था। पाकिस्तान की सेना ने 25 मार्च 1971 को ऑपरेशन सर्चलाइट  के तहत भयानक नरसंहार शुरू किया था।.

सतीश के. सिंह

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