भारत से ट्रेनिंग लेकर अफगान पहुंचे सैन्य कैडेटों का तालिबान ने किया स्वागत, कहा- इंडिया के हम शुक्रगुजार हैं

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अफगानिस्तान में जब तालिबान ने कब्जा किया तो लाखों लोग अफगान छोड़ कर दूसरे मुल्कों में शरण ले लिए। इसके साथ ही कई लोग जो अफगानिस्तान से बाहर थे वो वापस नहीं गए। इसी दौरान यह खबर तेज हुई कि भारत में सैन्य ट्रेनिंग ले रहे अफगानी नागरिकों को भारत सरकार शरण देगी या ट्रेनिंग खत्म होते ही इन्हें वापस अपने मुल्क भेज दिया जाएगा। भारत में सैन्य ट्रेनिंग लेने आए ये अफगानी सैन्य कैडेट अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आने से पहले से ही प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब इनको खुद तालिबान ने मुल्क वापस बुलाया है और साथ ही भारत सरकार से कहा है कि, वो इनकी सुरक्षा और रोजगार की गारंटी लेते हैं। शुक्रवार (29 जुलाई 2022) को जब काबुल पहुंचे तो तालिबान ने इनका जिस गर्मजोशी से स्वागत किया वो भारत और तालिबान के बीच बढ़ती नजदीकियों को दर्शाता है।</p>
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<strong>गहरा हो रहा भारत और तालिबान के बीच रिश्ता</strong></p>
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अफगानिस्तान में मानवीय संकट गहराता जा रहा है ऐसे में भारत अफगान के लिए बड़ा मददगार बनकर उभरा है। भारत गेहूं, वैक्सीन, दवाओं के साथ ही अन्य कई जरूरी सामानों को भेजकर अफगानिस्तान की मदद कर रहा है। जिसके लिए तालिबान ने भारत का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। शुरुआत में इसी तालिबान को पाकिस्तान, भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था। लेकिन, तालिबान ने उसे मंसूबे पर पानी फेर दिया। भारत के साथ बढ़ती नजदीकियां पाकिस्तान के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। तालिबान ने उन अफगानी सुरक्षाबलों का स्वागत किया है जो उनके खिलाफ ही लड़ने के लिए भारत में ट्रेनिंग लेने आए थे। हालांकि, जब ये इंडिया आए थे तो उस दौरान अफगानिस्तान की सत्ता में तालिबान काबिज नहीं था।</p>
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<strong>भारत से लौटे अफगान सुरक्षाबलों का तालिबान ने किया स्वागत</strong></p>
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तालिबान ने जिस तरह से भारत-प्रशिक्षित अफगान कैडेटों का गर्मजोशी से स्वागत किया है वो नई दिल्ली और काबुल के बीच बढ़ती नजदीकी को दर्शाता है। शुक्रवार को जब ये अफगानिस्तान पहुंचे तो तालिबान ने इनका गर्मजोशी से स्वागत किया। भारत को तालिबान ने इनकी सुरक्षा और रोजगार का आश्वासन दिया जिसके बाद इनकी वापसी हुई है। काबुल लौटे करीब दो दर्जन अफगान सैन्य कैडेटों ने 11 जून को देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। ये जब अफगानिस्तान पहुंचे तो काबुल सरकार ने ऐसा स्वागत किया जैसे रेड कार्पेट बिछा दिया हो।</p>
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برگشت فارغان محصلین اکادمی نظامی "IMA" – هند به کشور<br />
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به تعداد ۲۵ تن از نظامیان حکومت پیشین که قبلا بخاطر فراگرفتن تعلیمات نظامی به کشور هند رفته بودند، امروز پس از سپری نمودن یک دوره ۱۸ ماهه تعلیمات نظامی و مسلکی در اکادمی نظامی "IMA" کشور هندوستان،… <a href="https://t.co/l91wbZayfG">pic.twitter.com/l91wbZayfG</a></p>
— د ملي دفاع وزارت – وزارت دفاع ملی (@modafghanistan2) <a href="https://twitter.com/modafghanistan2/status/1552671999704670215?ref_src=twsrc%5Etfw">July 28, 2022</a></blockquote>
<script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script> <p>
<strong>सुरक्षा के साथ नौकरी भी देगा तालिबान</strong></p>
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वहीं, अफगान सरकार ने भारत की मानवीय सहायता से उत्साहित होकर एक आधिकारिक पत्र जारी कर भारत सरकार का शुक्रिया किया है। भारत में प्रशिक्षित अफगान कैडेटों के साथ सीधे संचार का अनुरोध करते हुए काबुल सरकार ने भारतीय विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था। जिसके बाद भारत की सरकारी एजेंसियों ने MoD अफगानिस्तान और अफगान कैडेटों के बीच बातचीत कराई जिसमें अफगान रक्षा मंत्री ने उनकी सुरक्षा और रोजगार का आश्वासन दिया, इसके बाद इनकी वतन वापसी हुई।</p>
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۲/۱: هغوی تللي وه چې د طالب وژلو ته په هندوستان کې تربیت ترلاسه کړي مګر طالب یې نن ښه راغلاست ته داسې په ملا مات ولاړ دی، آیا پوهېږئ ولې؟؟ لومړی ځکه چې طالب د خپل امیر مطیع دی او عفوې ته د یوه لوی دیني او کلتوري ارزښت په سترګه ګوري، دویم دا چې له هندوستانه راغلی ځوان…… <a href="https://t.co/3rnCpTocee">pic.twitter.com/3rnCpTocee</a></p>
— Khairullah Shinwari (@KShinwari1) <a href="https://twitter.com/KShinwari1/status/1552747234550321152?ref_src=twsrc%5Etfw">July 28, 2022</a></blockquote>
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<strong>अफगानिस्तान की सुरक्षा बनाए रखने के लिए तैनात होंगे ये कैडेट</strong></p>
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बता दें कि तालिबान के सत्ता में आने से पहले अफगान सैन्य अकादमी के 25 कैडेट भारत भेजे गए थे, जिनके खिलाफ उन्हें लड़ना सिखाया गया था। तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार देश में सुरक्षा बनाए रखने के लिए इन कैडेटों के कौशल का उपयोग करने के लिए इच्छुक है। काबुल पहुंचने के दौरान कैडेटों का जिस तरह का स्वागत किया गया, उससे नए अफगान कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए भारत आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।</p>
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आईएन ब्यूरो

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