गार्ड से बोले अमरुल्लाह सालेह- घायल हो जाऊं तो सिर में गोली मार देना- Taliban के सामने नहीं करुंगा सरेंडर

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अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है लेकिन पंजशीर प्रांत में अब भी जंग लड़ रहा है। और इस घाटी से अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह और अहमद मसूद की सेना तालिबानियों के छक्के छुड़ा रही है। बीच-बीच में कई बार खबर आई की ये दोनों सरेंडर कर रहे हैं। फिर तालिबान ने झूठी खबर फैलाई की वह पंजशीर पर कब्जा कर लिया। लेकिन सच यह है कि तालिबनी जब भी पंजशीर में जब भी जा रहे हैं घाटा उन्हीं का हो रहा है। अब अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करेंगे। उन्होंने अपने गार्ड से ऐसे समय पर दोली मार देने के लिए कहा है।</p>
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अमरुल्लाह सालेह ने अपने गार्ड से कहा है कि अगर तालिबन के साथ लड़ाई में वह घायल हो जाते हैं, तो उनके सिर पर दो बार गोली मार दी जाए। सालेह ने ब्रिटेन के अखबार डेली मेल में एक लेख लिखते हुए खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति बताया है क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए थे। सालेह ने कहा कि उनका ऐसा मानना है कि जो नेता देश छोड़कर गए हैं, उन्होंने देश की मिट्टी को धोखा दिया है। साथ ही बताया कि जब बीते महीने तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, तब उससे लड़ने के बजाय कैसे अफगान नेता अंडरग्राउंड हो गए।</p>
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इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, जिस रात तालिबान काबुल तक आया, तब उन्हें वहां के पुलिस चीफ ने फोन कर बताया कि जेल में विद्रोह शुरू हो गया है और तालिबानी कैदी भागने की फिराक में हैं। तब सालेह ने गैर-तालिबानी कैदियों का नेटवर्क तैयार कर इस विद्रोह के विरोध का आदेश दिया। इसके आगे अखबार में लिखा गया है कि, जेल में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अफगान स्पेशल फोर्सेस और मॉब कंट्रोल यूनिट को तैनात किया गया। सालेह ने 15 अगस्त की सुबह तत्कालीन रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह खान मोहम्मदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हमदुल्लाह मोहिब को फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। वह कमांडोज की तैनाती नहीं करवा पा रहे थे।</p>
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अमरुल्लाह सालेह ने बताया किया, जब सरकार से किसी तरह का समर्थन प्राप्त नहीं हुआ तो उन्होंने अहमद मसूद को फोन कर पूछा, भाई तुम कहां हो। उन्होंने (मसूद) ने कहा, मैं काबुल में हूं और अगले कदम की योजना बना रहा हूं। साले ने कहा- मैं भी काबुल में हूं और आपकी फोर्सेस के साथ जुड़ना चाहता हूं। सालेह काबुल छोड़ने से पहले अपने घर गए और वहां उन्होंने अपनी पत्नी और बेटियों की तस्वीरें नष्ट कीं उसके बाद उन्होंने अपना कंप्यूटर औप बाकी का जरूरी सामान एकत्रित किया।</p>
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इसके बाद उन्होंने अपने चीफ गार्ड रहीम से कुरान पर हाथ रखने को कहा। सालेह ने लेख में लिखा है, मैंने उससे कहा, हम पंजशीर जा रहे हैं, सड़कें तालिबान के कब्जे में हैं। हम लड़ाई लड़ेंगे, अगर मैं घायल हो जाऊं, तो मेरा तुमसे आग्रह है कि मेरे सिर में दो बार गोली मार देना। उन्होंने कहा कि, मैं कभी भी तालिबान के सामने सरेंडर नहीं करूंगा।</p>
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आईएन ब्यूरो

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