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उंगली थमाते ही हाथ पकड़ लिया जेलेंस्की ने, PM Modi से बोले- करो हमारी मदद

Zelensky Hopes With India on End War

Zelensky Hopes With India: रूस अब यूक्रेन (Russia-Ukraine War) पर और भी ज्यादा भीषण हमला करने वाला है। जहां एक ओर दुनिया इस जंग के खत्म होने का इंतजार कर रही है तो वहीं ये और भी ज्यादा बढ़ती जा रही है। क्योंकि, रूस ने साफ तौर पर कह दिया है कि, अगर यूक्रेन ने रूस की बात नहीं मानी तो रूसी सेना और भी ज्यादा हमले करेगी। रूस और यूक्रेन को लेकर पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत शुरुआत से ही बातचीत का रास्ता अपनाने के पक्ष में है। अभी सोमवार को ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडोमीर जेलेंस्की (Zelensky Hopes With India) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। इस दौरान भी पीएम मोदी ने फिर से बातचीत की बात को दोहराई। जेलेंस्की को अब भारत (Zelensky Hopes With India) से ज्यादा उम्मीदें हैं। जेलेंस्की का कहना है कि, भारत आक्रामकता को खत्‍म करने में और ज्‍यादा सक्रिय हो सकता है। लेकिन इसके आगे जेलेंस्की का कहना है कि, उन्‍होंने (PM Modi) अपने शांति फॉर्मूले का ऐलान किया था और अब वह उम्‍मीद जताते हैं कि भारत इसे लागू करने में अपनी भागीदारी तय करेगा। यानी की जेलेंस्की अब भारत से उम्मीद कर रहे हैं कि वो रूस का साथ छोड़कर यूक्रेन के साथ खड़ा हो जाये। यहां हर बात के कई मायने निकाल लिये जाते हैं। जेलेंस्की एक ओर मदद की गुहार लगा रहे हैं तो दूसरी ओर वो बिना बोले भारत (Zelensky Hopes With India) को रूस का साथ छोड़ने के लिए कह रहे हैं। यह तो वही बात हो गई कि, भारत ने उंगली क्या थमाई उन्होंने तो सीधा हाथ ही पकड़ लिया।

भारत से ये उम्मीद कर रहे जेलेंस्की
पीएम मोदी से चर्चा करने के बाद जेलेंस्‍की ने अपने राष्‍ट्र को संबोधित किया। साथ ही भारत के साथ बड़ी उम्‍मीदों का जिक्र भी किया। एक फोन कॉल पर यूक्रेनी राष्‍ट्रपति ने पीएम मोदी से उस 10 सूत्रीय ‘शांति फॉमूर्ले’ का समर्थन करने के लिए कहा जिसका जिक्र उन्‍होंने पिछले दिनों अमेरिकी यात्रा पर किया था। रूस के साथ जंग शुरू होने के बाद पीएम मोदी और जेलेंस्‍की के बीच यह चौथी फोन कॉल थी। जेलेंस्‍की ने अपने टीवी संबोधन में कहा कि, आज मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। अगले साल भारत जी-20 का नेतृत्‍व करेगा। मैंने इस नेतृत्‍व के लिए उन्‍हें बधाई और भारत के फलदायक नेतृत्‍व की कामना की। मैंने उनसे कहा कि यह नेतृत्‍व किसी एक के लिए नतीजे लाना वाला नहीं बल्कि हर उस व्‍यक्ति के लिए सफल हो जो आदर्शों में यकीन रखते हैं और शांति का सम्‍मान करते हैं। उन्‍होंने इसी संबोधन में आगे कहा कि, भारत आक्रामकता को खत्‍म करने में और ज्‍यादा सक्रिय हो सकता है। इसके बाद जेलेंस्‍की ने ट्वीट कर लिखा कि, ट्विटर पर ही उन्‍होंने अपने शांति फॉर्मूले का ऐलान किया था और अब वह उम्‍मीद जताते हैं कि भारत इसे लागू करने में अपनी भागीदारी तय करेगा।

यूक्रेन को भारत की मानवीय सहायता
जेलेंस्की ने मानवीय मदद के लिए भारत को शुक्रिया अदा किया। जेलेंस्‍की ने जो शांति फॉर्मूला पेश किया है उसके तहत उन्‍होंने यूक्रेन से रूसी सेना की वापसी, कैदियौं की रिहाई, यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, परमाणु सुरक्षा का वादे के साथ ही खाद्यान्‍न और ऊर्जा सुरक्षा का जिक्र किया है। जब से रूस और यूक्रेन का युद्ध शुरू हुआ है तब से ही भारत की तरफ से 12 खेप में 99.3 टन मानवीय मदद यूक्रेन और पड़ोसी देशों को भेजी गई है। इस मदद में दवाईयां, कंबल, टेंट, तिरपाल और चिकित्‍सा उपकरण शामिल रहे हैं। जिसके लिए जेलेंस्की ने शुक्रिया अदा किया है।

क्या कहते हैं पुतिन
इधर पुतिन का कहना है कि, मैंने कई बार कहा है कि जितनी तेजी से दुश्‍मनी बढ़ेगी उतनी ही तेजी से नुकसान भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि, रूस, यूक्रेन के साथ युद्ध को खत्‍म करना चाहता है। लेकिन साथ ही उन्‍होंने यह भी कहा है कि इस युद्ध को कूटनीतिक समाधान के साथ खत्‍म करना चाहिए। पुतिन की मानें तो सैन्‍य संघर्ष या तो एकतरफा नतीजे पर खत्‍म होता है या फिर यह कूटन‍ीतिक बातचीत के बाद अंजाम पर पहुंचता है। कभी न कभी युद्ध में शामिल देश बैठते हैं और समझौता करते हैं। यह बात तो साफ है कि रूस जंग को खत्म करना चाहता है लेकिन, यूक्रेन पश्चिमी देशों से मिल रही मदद के चलते अकड़ में है। क्योंकि, ऐसी भी रिपोर्ट सामने आ चुकी है कि, दुनिया के सामने तो जेलेंस्की शांति की बात करते हैं लेकिन, पर्दे के पीछ से वो कहते हैं कि, ये जंग रूस को हराने के बाद ही खत्म होगी। यानी की साफ है कि जेलेंस्की खुद नहीं चाहते कि ये जंग खत्म हो। ऐसे में दुनिया के सामने शांति का राग अलापने से पहले उन्हें अपने सच को बाहर लाना चाहिए।

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