ड्रैगन संग दोस्ती में पड़ रही दरार! Pakistan ने खुद मानी चीन का उठ रहा भरेसा- देखें पूरी रिपोर्ट

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चीन इस वक्त पाकिस्तान में अपने सीपीईसी के अलावा कई अन्य प्रोजेक्ट पर का कर रहा है। लेकिन, सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण उसका CPEC प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट पर चीन शुरुआत में काफी तेजी से काम कर रहा था और समय के साथ खत्म करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन, अचानक ही पाकिस्तान में इसे लेकर प्रोटेस्ट होना शुरू हुआ और तेज रफ्तार काम धीमा गती से आगे बढ़ने लगा। इसके साथ ही चीन के इंजिनियरों पर कई आतंकी हमले हुए जिसमें कई चीनी नागरिकों की जान गई। अब पाकिस्तान ने इस बात से खुद खुलासा किया है कि, चीन का उसपर से भरोसा उठ गया है।</p>
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दरअसल, पिछले दिनों कराची यूनिवर्सिटी में बलूचिस्तान विद्रोही संगठन से जुड़ी एक बुर्का पहने महिला ने आत्मघाती धमाका किया था। जिसमें तीन चीनी मूल के शिक्षकों समेत 4 लोगों की मौत हो गई थी। बीते तीन सालों में चीनी नागरिकों को निशाना बनाते हुए यह पाकिस्तान में चौथा अटैक था। चीन लगातार पाकिस्तान को चेतावनी दे रहा है कि, उसके नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराए, लेकिन अब पाकिस्तान के ऊपर से चीन का भरोसा उठ गया है। खुद पाकिस्तान की सुरक्षा मामलों की संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है।</p>
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सीनेट डिफेंस कमिटी के चेयरमैन मुशाहिद हुसैन ने कहा, पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था में चीन का भरोसा खत्म हुआ है कि वह उसके नागरिकों और हितों की रक्षा कर सकेगा। डॉन की रिपोर्ट की माने तो, पाकिस्तान के सांसद मुशाहिद ने अटैक के बाद पिछले सप्ताह चीनी दूतावास में जाकर मुलाकात की थी और नागरिकों के मारे जाने पर संवेदना व्यक्त की थी। बीते महीने उस वैन को निशाना बनाकर कराची यूनिवर्सिटी के कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट के बाहर अटैक किया गया था, जिसमें चीनी शिक्षक सवार थे। इससे पहले बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा में भी चीनी नागरिकों को निशाना बनाया जा चुका है। पाक सांसद ने कहा, इस हमले ने चीन के अंदर गहरी चिंता और निराशा पैदा की है। चीनी नागरिकों पर लगातार हमले जारी हैं और पाकिस्तान की ओर से जो फूलप्रूफ सिक्योरिटी की बात कही गई है, उसे गंभीरता से लागू नहीं किया जा सका है।</p>
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हुसैन की लीडरशिप वाली कमिटी ने सरकार से कहा है कि, अगर इसी तरह से अटैक होते रहे तो चीनी ही नहीं बल्कि अन्य विदेशी निवेशक भी पाकिस्तान में अपनी भूमिका को लेकर एक बार फिर से सोचने पर विचार कर सकते हैं। वहीं, यह भी बात सामने आ रही है कि, कराची यूनिवर्सिटी में अटैक के बाद बड़ी संख्या में चीनी वर्कर पाकिस्तान छोड़कर जा रहे हैं।</p>

आईएन ब्यूरो

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