अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया के वार से अभी संभला नहीं था ड्रैगन कि ब्रिटेन और कनाडा भी मरोड़ दी गर्दन- ‘तिलमिला’ उठा चीन

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इस वक्त दुनिया के कई देश चीन से परेशान हैं, खासकर वो जिनकी सीमाएं चीन से लगती हैं। चीन इनकी सीमाओं में जबरन घुसने की कोशिश करता रहता है। ताइवान को लेकर तो इधर बीच कुछ ज्यादे ही आक्रमक हो गया है। इस बीच अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन को गहरा चोट दिया है जिससे ड्रैगन छटपटा उठा है और बौखलाते हुए कहा रहा है कि, इसकी कीमत चुकाना पड़ेगा।</p>
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दरअसल, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा ने बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक केलों के राजनयिक बहिष्कार का ऐलान किया है जिसके बाद चीन तिलमिला उठा है। चीन ने गीदड़भभकी देते हुए कहा है कि बहिष्कार करने वाले देश इसकी कीमत चुकाएंगे। चीन ने बहिष्कार को एक राजनीतिक तेवर और उसकी छवि को धब्बा लगाने वाला अभियान कहा है। अमेरिका इस हफ्ते बहिष्कार का ऐलान करने वाला पहला मुल्क था। वाशिंगटन ने सोमवार को कहा कि इसके अधिकारी चीन के मानवाधिकार के हनन करने की वजह से फरवरी में होने वाले बीजिंग ओलंपिक में शामिल नहीं होंगे।</p>
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अमेरिका की ओर से ये बहिष्कार ऐसे समय में आया है जब दुनिया के दो सबसे बड़े अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव अपने चरम पर है। इससे पहले चीन ने मंगलवार को कहा कि, अमेरिका और अन्य देश अपने फैसले के लिए कीमत चुकाएंगे। बीजिंग ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी, लेकिन इस बरा में अधिक जानकारी नहीं दी। वहीं, अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने बढ़ते राजनयिक बहिष्कार को नहीं करने की मांग की है।</p>
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि, बीजिंग चीन में मानवाधिकारों के बारे में लंबे समय से चली आ रही पश्चिमी चिंताओं से अवगत होगा। ऐसे में ये आश्चर्य की बात नहीं होनी चाहिए कि हमने राजनयिक प्रतिनिधित्व नहीं भेजने का फैसला किया। चीन और कनाडा के बीच इस वक्त संबंध काफी बिगड़ चुके हैं। कनाडा ने हुआवेई टेक्नोलॉजीज कंपनी लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी मेंग वानझोउ को अमेरिकी वारंट पर हिरात में लिया है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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