बड़ी खबर: Afghanistan की Taliban सरकार को मान्यता देगा अमेरिका, मगर क्या रखी शर्त- देखें रिपोर्ट

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अगर अफगानिस्तान में सत्ता की बागडोर मुल्ला ब्रादर के हाथ में रहती है तो अमेरिका तालिबान की सरकार को मान्यता दे सकता है। हालांकि अमेरिका की ओर से इन शब्दों में तो ऐसा कुछ भी नहीं कहा लेकिन यह जरूर कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान में भावी सरकार को तभी मान्यता देगा जब तालिबान अफगानियों के बुनियादी अधिकारों को बहाल करने और आतंकवादियों को अफगानिस्तान से बाहर रखने का भरोसा दिलाए।</p>
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चीन-पाकिस्तान और रूस-टर्की के बाद अब अमेरिका की ओर से संकेत मिलने के बाद अब माना जा रहा है कि दुनिया के बाकी देश भी तालिबान को मान्यता देने में देर नहीं करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि अमेरिकी विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन की यह टिप्पणी उन मीडिया रिपोर्टों पर आई है जिसमें दावा किया गया है कि चीन भी तालिबान को वैध सरकार के रूप में मान्यता देने के लिए तैयार है।</p>
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अमेरिका की तालिबान सरकार को समर्थन देने वाली शर्त के पीछे एक कारण है जिसे पाकिस्तान अफगानिस्तान और अमेरिका में सत्ता के शीर्ष पर बैठे सभी नेता भली भांति जानते हैं। वो कारण कोई और नहीं बल्कि मुल्ला ब्रादर खुद हैं। मुल्ला ब्रादर को अमेरिकी के कहने पर ही पाकिस्तान की सरकार ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। और 2018 में अमेरिका के कहने पर ही जेल से रिहा किया था। मुल्ला ब्रादर की रिहाई में अफगानिस्तान में अमेरिकी दूत खलीलजाद की अहम भूमिका रही थी।</p>
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मुल्ला ब्रादर को रिहा करने के बाद सीधे दोहा भेजा गया था। जहां वो तालिबान की सियासी विंंग का मुखिया बन गया। अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर तालिबान की ओर से मुल्ला ब्रादर ने ही सिग्नेचर किए थे। ऐसा माना जा रहा है कि मुल्ला ब्रादर अमेरिका के इशारे पर ही मुल्ला ब्रादर ने तालिबान को हिंसा और महिलाओं  के साथ अभद्र व्यवहार न करने के निर्देश दिए हैं। अगर मुल्ला ब्रादर के हाथ में अफगानिस्तान की सत्ता रहेगी तो बीस साल वाले तालिबान की जगह नरम रुख वाला तालिबानी शासन होगा।</p>
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ब्लिंकन ने कहा कि भविष्य की अफगान सरकार जो अपने लोगों के मूल अधिकारिों को बरकरार रखती है और आतंकवादियों को पनाह नहीं देती है तो वह ऐसी सरकार के साथ काम कर सकते हैं। टोनी ब्लिंकन ने कहा कि जो सरकार जो महिलाओं और लड़कियों सहित अपने लोगों के मूल अधिकारों को बरकरार नहीं रखती है; जो ऐसे आतंकवादी समूहों को पनाह देता है जो कि अमेरिका या सहयोगियों के खिलाफ साजिश रचते हैं तो निश्चित रूप से, अमेरिका तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देगा। अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे हालात को लेकर अमेरिका के शीर्ष राजनयिक कई न्यूज चैनलों पर टिप्पणी करते हुए देखे गए। हैं।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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