अंतर्राष्ट्रीय

प्रचंड की चीन यात्रा से पहले US का बड़ा दांव! किया इतने लाख डॉलर देने का ऐलान, हैरान रह गया ड्रैगन

नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड इन दिनों संयुक्त राष्ट महासभा में भाग लेने के लिए अमेरिका के दौरे पर हैं। इसी बीच अमेरिका ने नेपाल को 20 लाख डॉलर की मदद का ऐलान किया है। नेपाल में लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए दी गई इस राशि के ऐलान से चीन हैरान रह गया है। अमेरिका द्वारा इतनी बड़ी राशि का ऐलान ऐसे वक्त किया गया है, जब नेपाल के पीएम प्रचंड चीन की आधिकारिक यात्रा पर जाने वाले हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने अमेरिका गए प्रचंड ने न्यूयॉर्क में यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के ‘डेमोक्रेसी डिलीवर्स’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और यूएसएआईडी (USAID) की प्रशासक सामंथा पावर ने भी भाग लिया।

इस कारण से दिए जाएंगे 2 मिलियन डॉलर

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और यूएसएआईडी प्रशासक सामंथा पावर ने फोर्ड फाउंडेशन और रॉकफेलर फाउंडेशन के साथ साझेदारी में नेपाल में परोपकारी कार्यों के लिए लोगों की मदद का ऐलान किया। अमेरिकी विदेश कार्यालय ने बताया कि नेपाली पीएम दहल यूएसएआईडी के डेमोक्रेसी डिलीवर्स इनिशिएटिव द्वारा समर्थित देशों के पहले समूह के नेतृत्व के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान, यूएसएआईडी ने घोषणा की कि नेपाल को अर्थव्यवस्था के स्थिरीकरण, नौकरी और वेतन वृद्धि को बढ़ावा देने, निवेश जुटाने और लोकतांत्रिक लाभांश देने के लिए 2 मिलियन डॉलर मिलेंगे।

ये भी पढ़े: Nepal में असफल हो गया China का BRI! इतने साल बाद भी आगे नहीं बढ़ा प्रोजेक्ट, जानें क्‍यों बौखला रहा ड्रैगन

नेपाल को अमेरिकी मदद से चीन को लगी मिर्ची

हाल के समय में अमेरिका लगातार चीन की मदद कर रहा है। इस देश में लोकतांत्रिक सुधारों के लिए अमेरिका द्वारा नेपाल को हाल ही में 6.9 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए। उधर, चीन इस बात से नाराज है कि नेपाल में अमेरिका दखल दे रहा है। चीन शुरू से ही नेपाल में अमेरिका की मौजूदगी को खतरे के तौर पर देखता है। यही कारण है कि चीन ने कई बार नेपाली सरकार से अमेरिका से दूरी बनाने की चेतावनी भी दी है। नेपाल ने हाल में ही अमेरिका के एमसीसी कॉम्पैक्ट को जमीनी स्तर पर लागू करने का फैसला किया है। प्रचंड ने चीन यात्रा से पहले ही ऐलान किया था कि उनका लक्ष्य शी जिनपिंग से बीआरआई के जरिए ज्यादा से ज्यादा अनुदान पाने का है, न कि कर्ज।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago