इंडिया को America की चेतावनी पर PM Modi ने ललकारा! बोलें- Biden ये मत भूलना कि मैं एक झटके में…

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यूक्रेन पर जब से रूस ने हमला बोला है तब से पूरा पश्चिमी देश दुनिया को पुतिन के खिलाफ एकजुट करने में लगा हुए है। अमेरिका और नाटो का तो यह तक कहना है कि जो भी रूस की मदद करेगा वो उसे बरबाद कर देंगे। पश्चिमी देशों की चाल ने अपने फायदे के लिए यूक्रेन को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। जंग की आड़ में वो अपना फायदा देख रहे हैं। रूस को वो काफी समय से काबू करने में लगे हुए थे। रूस को आर्थिक झटका देकर वो तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन, पुतिन अपनी तैयारी पहले से कर के आए हुए हैं। ऐसे में भारत और चीन का क्या स्टैंड होगा इसपर दुनिया की नजर थी और है। दोनों ही देशों ने जब भी रूस के खिलाफ यूएन में वोटिंग हुई अपने आपक को अलग कर लिया। जिसके बाद चीन को अमेरिका ने धमकी दिया ही अब भारत को भी चेतावनी दे रहा है।</p>
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जो बाइडेन सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि भारत द्वारा रूसी तेल आयात में हो रही बढ़ोतरी नई दिल्ली को एक बड़े जोखिम में डाल सकती है क्योंकि अमेरिका यूक्रेन पर आक्रमण के लिए मास्को के खिलाफ प्रतिबंधों को लागू करने के लिए तैयार है। रूस के खिलाफ मौजूदा अमेरिकी प्रतिबंध अन्य देशों को रूसी तेल खरीदने से नहीं रोकते हैं, लेकिन ऐसी चेतावनियों से आशंका बढ़ती है कि अमेरिका अन्य देशों की खरीद को सामान्य स्तर तक सीमित करने की कोशिश कर सकता है। यह रिपोर्ट रॉयटर्स ने दी है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय में आ रहा है जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव नई दिल्ली अपने दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं।</p>
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भारत में रिफाइनर, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है। 24 फरवरी को रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला किए जाने के बाद से स्पॉट टेंडर के जरिए भारत छूट के साथ रूसी तेल की खरीद कर रहा है। भारत ने फरवरी 24 के बाद कम से कम 13 मिलियन बैरल रूसी तेल खरीदा है। जबकि भारत ने साल 2021 में करीब 16 मिलियन बैरल की खरीद की थी। रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि, अमेरिका को भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने में कोई आपत्ति नहीं है बशर्ते वह पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक तेल न खरीदे। इसके साथ ही कहा है कि, अगर भारत रूस के साथ व्यापार को रुपये में निपटाता है या डॉलर में भुगतान करना जारी रखता है, तो वाशिंगटन को कोई समस्या नहीं है।</p>
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एक अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा है कि हम भारत और दुनिया भर में अपने भागीदारों को मजबूत सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर मजबूत प्रतिबंधों सहित, क्रेमलिन पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए दबाव डालना जारी रखे हुए हैं।</p>
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<strong>भारत को धमकी दे रहा अमेरिका</strong></p>
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इसके साथ ही अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि, भारत जो कुछ कर रहा है वह प्रतिबंधों के अनुपाल में होना चाहिए। यदि नहीं तो वे खुद को एक बड़े जोखिम में डाल रहे हैं। जब तक वे प्रतिबंधों का पालन कर रहे हैं और खरीदारी में खास बढ़ोतरी नहीं कर रहे हैं, हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम अगले कई दिनों और हफ्तों में प्रतिबंधों को लागू करने के लिए कदम उठाने जा रहे हैं। हम दुनिया में हर किसी से यह सुनिश्चित करने के लिए कह रहे हैं कि आप प्रतिबंधों का अनुपालन करें। यह मैसेज सभी के लिए है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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