प्रतिबंध लगाते वक्त America ने कभी सोचा नहीं होगा कि यहां आकर Russia के आगे झुकना होगा, कहा- एक साथ करेंगे काम

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रूस और यूक्रेन के बीच जंग को 4महीने से अधिक हो गया और इतने दिनों में पुतिन की सेना ने यूक्रेन को खंडहर में बदल दिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादोमीर जेलेंस्की नाटो के घमंड में चूर हैं। उन्हें नाटो और पूरे पश्चिमी देश पूरी तरह से सपोर्ट कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाद भी यूक्रेन और नाटो पर रूस भारी पड़ा हुआ है। इस जंग के शुरू होते ही अमेरिका संग पूरा पश्चिमी देश रूस के उपर टूट पड़ा और एक के बाद एक कर कड़े से कड़ा प्रतिबंध लगा दिया। नाटो ने रूस पर कड़े प्रतिबंध इसलिए लगाया ताकी उसकी अर्थव्यवस्था को गिराया जा सके लेकिन, यहा उलटा ही हो गया। रूस पर प्रतिबंध का असर तो ज्यादा पड़ा नहीं लेकिन, पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था जरूर डगमगाने लगी है। इसके साथ ही अब अमेरिका को भी एक जगह पर रूस के साथ आना पड़ा है।</p>
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अमेरिका रूस के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में साथ काम करने के लिए मजबुर हुआ है। खबर है कि अमेरिका प्रतिबंधों के बावजूद रूस के साथ मिलकर ISS पर फ्लाइट्स भेजेगा। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने कहा कि वह रूस को अलग-थलग करने के अपने प्रयासों के बावजूद उसके साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ानें फिर से शुरू करेगा। बता दें कि, यूक्रेन पर सैन्य हमले के बाद से अमेरिका ने रूस को दंडित करने के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं। यूक्रेन युद्ध के समय से ISS में चार अमेरिकी, दो रूसी और एक जर्मन अंतरिक्ष यात्री माइक्रोग्रैविटी में साथ-साथ काम कर रहे हैं।</p>
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने एक बयान में कहा, "इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के निरंतर सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने, एस्ट्रोनॉट के जीवन की रक्षा करने और स्पेस में निरंतर अमेरिकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए, नासा अमेरिकी चालक दल के अंतरिक्ष यान और रूसी सोयुज के साथ सदस्यों को फिर से भेजना शुरू करेगा। नासा ने कहा कि एस्ट्रोनॉट फ्रैंक रुबियो 21 सितंबर को कजाकिस्तान से लॉन्च होने वाले सोयुज रॉकेट पर दो रूसी एस्ट्रोनॉट के साथ उड़ान भरेंगे। यह घोषणा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन को निकाल देने के कुछ घंटों बाद हुई है। रोगोजिन एक तेजतर्रार राष्ट्रवादी और यूक्रेन आक्रमण के उत्साही समर्थक हैं। उन्होंने अपने एक बयान में चुटकी लेते हुए कहा था कि अमेरिकी एस्ट्रोनॉट को रूसी रॉकेट के बजाय ट्रैम्पोलिन पर बैठकर स्पेस स्टेशन जाना चाहिए।</p>
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ISS पर रूस के साथ फ्लाइट्स भेजने के फैसले की घोषणा करते हुए नासा ने कहा है कि, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की अंतरिक्ष एजेंसियों की भागीदारी के साथ संयुक्त रूप से संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया था।</p>
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आईएन ब्यूरो

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