अमेरिका ने एक बार फिर कहा है कि वो तालिबान और पाकिस्तान की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है। अगर आतंकवाद फिर से सिर उठाएगा तो अमेरिका आतंक के खिलाफ अपनी नीतियों के अनुसार ठीक वैसी ही कार्रवाई करेगी जैसी कार्रवाई अमेरिका आतंक के खिलाफ करता रहा है। पूरी दुनिया ने देखा और जानती भी है कि अमेरिका आतंक और आतंकियों के खिलाफ कहीं भी कार्रवाई करने की क्षमता रखता है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार ने भारत के एक हिंदी न्यूज चैनल से इशारतन कहा कि तालिबान या अन्य कोई भी ग्रुप अगर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होता है तो अमेरिका उसको दण्ड जरूर देगा।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार ने कहा कि जो बाइडेन अपने वादे पर कायम हैं। अब तालिबान की बारी है। अफगानिस्तान की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के अधिकारों की रक्षा करना तालिबान की जिम्मेदारी है। शरिया कानून के चलते महिलाओं को अधिकार कैसे मिल पाएंगे- यह अमेरिका के सामने यक्ष प्रश्न है। क्यों कि तालिबान ने अफगानिस्तान की लड़कियों-महिलाओं के खेलने पर ही रोक लगा दी है। अफगानिस्तान की लड़कियां अब मर्दों की तरह नौकरियां भी नहीं कर सकतीं। जो महिला या लड़की ऐसा करने की जुर्रत भी करेगी तो शरिया कानून के तहत उसको मौत की सजा का सामना करना पड़ सकता है।
तालिबान के बर्बर बर्ताव के बावजूद अमेरिका अभी तक कुछ नहीं कर सका है। अफगानिस्तान से आधीरात पैर दबा कर भागा अमेरिका एक बार फिर से अपनी इमेज बिल्डिंग की कोशिश कर रहा है। विदेश विभाग के साथ ही सभी एजेंसिया प्रेसिडेंट जो बाइडेन और अमेरिका की छवि को ठीक करने में जुटा हुआ है। हालांकि तालिबान ने अपनी सरकार के नेताओं और हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादियों की लिस्ट में रखे जाने का विरोध किया है। तालिबान कह रहा है कि अमेरिका दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन कर रहा है। एक ताजा डेवलेपमेंट यह है कि काबुल के एम्बेसी एरिया में तालिबान आतंकियों ने फिर से हंगामा किया है। तालिबान आतंकियों ने नॉर्वे के दूतावास पर कब्जा कर लिया। दूतावास में भयंकर तोड़फोड़ की। बच्चों की किताबों को भी फाड़ डाला।
Taliban has now taken over the Norwegian Embassy in Kabul. Say they will return it to us later. But first wine bottles are to be smashed and childrens’ books destroyed. Guns apparently less dangerous. Foto: Aftenposten, Norway pic.twitter.com/0zWmJXmQeX
— Ambassador Sigvald Hauge (@NorwayAmbIran) September 8, 2021
बहरहाल, नई परिस्थितियों में अमेरिका और तालिबान एक बार फिर आमने-सामने हैं। अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार के ऐलान के बाद तालिबान का क्रूर चेहरा सामने आ गया है। तालिबान अब दर्जनों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। काबुल की सड़कों पर विरोध प्रदर्शनकरने उतरीं महिलाओं के साथ मार-पीट और बर्बर बर्ताव तस्बीरें दुनिया के सामने आ चुकी हैं। महिलाओँ के साथ ही अफगानिस्तान के जर्नलिस्ट्स के साथ भी ऐसा ही व्यवहार हो रहा है। टोलो न्यूज के जर्नलिस्टों के साथ जानवरों जैसे सलूक को भी दुनिया देख चुकी है।