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भारत के कॉल सेंटर घोटालों में एक अन्य इंडो-कनाडाई गिरफ्तार

भारत के कॉल सेंटर घोटालों में एक अन्य इंडो-कनाडाई गिरफ्तार

<p id="content">कनाडाईयों को निशाना बनाने वाले भारतीय कॉल सेंटर घोटाले के सिलसिले में एक अन्य इंडो-कनाडाई व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। टोरंटो के ब्रैम्पटन के 25 वर्षीय अभिनव बेक्टर पर 5,000 कनाडाई डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी, अपराध की आय पर कब्जा करने और अपराध के लिए धन दोहन का आरोप लगाया गया है।</p>
<strong>उसे अगले महीने अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने कहा कि भारत के कॉल सेंटर धोखाधड़ी में 2014 के बाद से कनाडाईयों से 3.4 करोड़ कनाडाई डॉलर से अधिक ठगे गए हैं। इस घोटाले में गिरफ्तार बेक्टर नया संदिग्ध है। वहीं अक्टूबर में मिसिसॉगा शहर के नमन ग्रोवर को गिरफ्तार किया गया था। </strong>

तीन अन्य फरार आरोपी बिंदिशा जोशी (41), विमल श्रेष्ठ (41) और थॉमस पाओ (25) के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, कॉल सेंटर स्कैमस्टर्स खुद को कनाडा राजस्व एजेंसी (सीआरए), बैंकों, आव्रजन और तकनीकी सहायता एजेंसियों के प्रतिनिधि बताकर कनाडाई को निशाना बनाते हैं।

वे लोगों को पैसे का भुगतान करने या अपने वित्तीय/क्रेडिट कार्ड की जानकारी तुरंत साझा करने के लिए डराते हैं या कार्रवाई का सामना करने की धमकी देते हैं। स्कैमस्टर्स ने पीड़ितों से धन उगाही करने के लिए स्थानीय व्यक्तियों को भी काम पर लगा रखा है, जो पीड़ितों से पैसे लेकर उन्हें लाकर देते थे। इनमें स्टडी वीजा पर आने वाले भारतीय छात्र शामिल हैं। स्कैमस्टर्स के लिए ग्रोवर पैसों का कलेक्शन करने वाला था, जो पीड़ितों से जाकर पैसे लेता और उन्हें लाकर देता था। 'प्रोजेक्ट ऑक्टेविया' के तहत अक्टूबर 2018 में भारत के कॉल सेंटर घोटालों की कनाडाई जांच शुरू हुई।.