अंतर्राष्ट्रीय

TTP के हमलों से बुरी तरह बौखलाई पाकिस्तानी सेना, जनरल मुनीर ने तालिबान को दी ये धमकी

पाकिस्तान (Pakistan) ने जब आतंकियों को जन्म दिया था तो उसने कभी सोचा नहीं था कि, एक दिन यही आतंकवादी उसके लिए गले की हड्डी बन जाएंगी। यही आतंकी मुल्क को दहलाएंगे। आज आलम यह है कि, पाकिस्तान दो टूकड़ों में होता नजर आ रहा है। आतंकवादियां का कहना है कि, खैबर पख्तूनवा उन्हें चाहिए जहां पर अपनी सरकार चलाएंगे। जहां वो सरिया कानून लागू करेंगे। पाकिस्तान में अब एक बार फिर से TTP एक्टिव हो गया है। ऐसे में तहरीक-ए-तालिबान (Taliban) पाकिस्तान के हमलों को लेकर पाकिस्तानी सेना काफी ज्यादा तिलमिलाई हुई है। हाल में ही झोब में टीटीपी के आतंकवादियों ने हमला कर पाकिस्तानी सेना के नौ जवानों को मौत के घाट उतार दिया था उसके बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी को लेकर तालिबान को कड़ी धमकी दे दी है। इस दौरान उन्होंने कहा कि हालिया आतंकवादी हमलों पर पाकिस्तान से प्रभावी प्रतिक्रिया मिलेगी।

तालिबान को दी धमकी

पाकिस्तानी सेना की प्रॉपगैंडा विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने एक बयान जारी कर कहा कि सेना प्रमुख ने अफगानिस्तान में टीटीपी के सुरक्षित पनाहगाहों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को अफगानिस्तान में टीटीपी के लिए उपलब्ध सुरक्षित पनाहगाहों और कार्रवाई की स्वतंत्रता पर गंभीर चिंता है। वहीं जनरल मुनीर ने खुलासा किया कि पाकिस्तान में हालिया आतंकवादी कृत्यों में अफगान नागरिक शामिल थे। सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवादी कृत्यों में अफगान नागरिकों की संलिप्तता एक और महत्वपूर्ण चिंता है जिस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले असहनीय हैं और पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की ओर से प्रभावी प्रतिक्रिया दी जाएगी।

तालिबान बोला- यह पाकिस्तान का मामला

वहीं अफगान तालिबान के प्रवक्ता ने एक हालिया बयान में दावा किया कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार अपनी धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं करने दे रही है। प्रवक्ता ने कहा कि टीटीपी पाकिस्तान के लिए एक समस्या है जिससे उसे खुद निपटना होगा। टीटीपी पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच एक विवादित मुद्दा बन गया है। प्रयासों के बावजूद, दोनों पक्ष इस मुद्दे से निपटने के लिए कोई हल नहीं ढूंढ सके हैं। पाकिस्तान का दावा है कि तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती है।

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पाकिस्तान TTP के हमलों से परेशान है

अगस्त 2021 में सत्ता संभालने के बाद अफगान तालिबान ने पाकिस्तान और टीटीपी के बीच एक समझौता कराने की कोशिश की। शुरुआत में बातचीत में प्रगति हुई क्योंकि टीटीपी ने पाकिस्तान द्वारा कुछ आतंकवादियों को रिहा करने के बदले में युद्धविराम की घोषणा की। इस्लामाबाद ने विश्वास बहाली उपाय के तहत सैकड़ों टीटीपी लड़ाकों को लौटने की अनुमति भी दी। हालांकि, यह कदम तुरंत उल्टा पड़ गया क्योंकि लौटते हुए आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।

आईएन ब्यूरो

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