Kabul Chinese Hotel Attack: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आतंकियों ने बड़ा हमला बोल दिया है। ये हमला चीन के एक गेस्ट हाउस (Kabul Chinese Hotel Attack) पर हुआ है। गेस्ट हाउस के करीब आतंकियों ने फायरिंग की और साथ ही धमाका भी किया। ब्लास्ट की जोरदार आवाज भी सुनी गई है। आसपास के लोगों का भी कहना है कि ये धमाका इतना तेज हुआ कि वो सन्न रह गये। इसके साथ ही कई राउंड गोलियां भी चली हैं। मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, जिस चीनी गेस्ट हाउस पर हमला (Kabul Chinese Hotel Attack) हुआ है वहां पर कई चीनी अधिकारी आते हैं। हमला किसने किया है, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं आई है।
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तालिबान ने की हमले की पुष्टि
इस हमले की जानकारी तालिबान की ओर से भी दिया गया है। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने ट्विटर पर बताया कि, हमले में शामिल तीन हमलावरों को मार दिया गया है। हालांकि, जबीउल्ला ने मृतकों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने बस इतना ही कहा कि हमले में कोई भी विदेशी नागरिक नहीं मारे गए हैं। सिर्फ दो विदेशी जो बिल्डिंग से कूद गए थे उन्हें बचा लिया गया है। बाकी मेहमानों को भी गेस्ट हाउस से निकाल लिया गया है। खबरों की माने तो, हमलावरों ने सेंट्रल काबुल स्थित बिल्डिंग के अंदर से फायरिंग करनी शुरू कर दी। यहां पर कुछ विदेशी नागरिक भी रुके हुए हैं।
ठीक एक दिन पहले चीनी राजदूत भी थे हमले वाली जगह
गेस्ट हाउस शेर-ए-नॉ इलाके में स्थित है। इस गेस्ट हाउस में अक्सर विदेशी और चीनी नागरिक आकर रुकते हैं। ठीक एक दिन पहले ही चीन के राजदूत वांग यू ने तालिबान के उप-विदेश मंत्री स्टैनिकजई से मुलाकाता की थी। इस मुलाकाता में उन्होंने चीन के दूतावास की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। काबुल के जिस होटल पर हमला हुआ है, उसे चाइनीज होटल के भी नाम से जाना जाता है। अभी तक चीनी दूतावास की तरफ से इस हमले पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। अफगानिस्तान में हाल के कुछ महीनों में कई हमले हुए हैं। इनमें से कुछ की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। माना जा रहा है कि आईएसकेपी के आतंकियों ने चीनी होटल पर हमला किया है। इसी आतंकी संगठन ने ही पिछले दिनों पाकिस्तान के चीन में राजदूत पर जानलेवा हमला किया था।
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अफगानिस्तान में बढ़ रही चीनी नागरिकों की संख्या
बता दें कि, अगस्त 2021 में जब से तालिबान ने सत्ता संभाली है तब से ही अफगानिस्तान में कई चीनी प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इनकी वजह से चीनी नागरिकों की संख्या भी बढ़ गई है। चीन ने काबुल में अपना दूतावास भी बरकरार रखा है जबकि अभी तक किसी भी अधिकारी को दूतावास को जिम्मा नहीं सौंपा गया है।
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