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बलूचिस्तान के खानों में चीनी कंपनियों को लूट की खुली छूट

बलूचिस्तान में खनन (फोटो: @bacongress/Twitter)

पाकिस्तान ने विवादित बलूचिस्तान प्रांत में खनन गतिविधि को दोगुना कर दिया है।उसने इस प्रांत के चघी, सैंदाक और दश्त-किन क्षेत्रों में सात नए खनन स्थलों पर प्रारंभिक कार्य शुरू कर दिया है।

तांबे, मोलिब्डेनम, सोने और संभवतः लिथियम के लिए यह खनन खनिज समृद्ध,मगर उस युद्धग्रस्त क्षेत्र में किया जायेगा, जो देश के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, जिसे 27 मार्च 1948 को पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई के ज़रिए हड़प लिया गया था।इसके साथ रणनीतिक रूप से ईरान और अफ़गानिस्तान की महत्वपूर्ण सीमायें मिलती हैं।

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और कनाडा की बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने खनन स्थलों के लिए यहां पट्टे लिए हैं। इसमें पाकिस्तान के भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के यासिर शाहीन ख़लील के हवाले से कहा गया है कि सुचारू संचालन के लिए खनन स्थलों को पानी सहित बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाना है।

चीन की मेट्रोलॉजिकल कंस्ट्रक्शन कंपनी (MCC) एक चीनी कंपनी है,जो लगभग दो दशकों से सैदक कॉपर-कम-गोल्ड प्रोजेक्ट पर काम कर रही है और जब तक खानों के संसाधन समाप्त नहीं हो जाते, तब तक यहां धातुओं का निष्कर्षण जारी रहेगा।

इस समय पाकिस्तान यह सुनिश्चित करने के लिए कि बलूचिस्तान में खनन का विस्तार किया जा सकता है, अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों से किए गए अपने वादों पर दोगुनी तेज़ी से काम कर रहा है। पाकिस्तानी अख़बार, बिजनेस रिकॉर्डर का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस खनन परियोजना के काम में तेज़ी लाने और कनाडा स्थित खनन कंपनी बैरिक गोल्ड के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त करने के लिए दो बैठकें की हैं।

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के कार्यालय ने मंत्रालयों और प्रांतीय सरकारों को बैरिक गोल्ड के मुद्दों को हल करने का निर्देश दे दिया है और हवाई पट्टी को अपग्रेड करने के लिए भी कहा है। कंपनी ने इस खनन को मील के पत्थर दिखाते हुए प्रजेंटेंशन दी हैं, जिन्हें पूरा करने की ज़रूरत है। टेथियन कॉपर के बाद बैरिक ने बलूचिस्तान के खनन परिदृश्य में क़दम रखा है,यह एंटोफगास्टा और बैरिक गोल्ड के बीच एक ऑस्ट्रेलिया स्थित संयुक्त उद्यम रेको दीक सोने और तांबे की परियोजना को लेकर बलूचिस्तान सरकार के साथ विवाद में फंसा हुआ है।

California Gold Rush Balochistan

विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता किए गए एक अंतर्राष्ट्रीय विवाद के बाद पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने दावा किया कि बैरिक के साथ एक समझौते ने देश को 11 अरब डॉलर के दंड से बचा लिया है।

हालांकि, कई चिंतायें बलूचिस्तान में निवेश फर्मों को परेशान करती हैं, जिनमें सबसे प्रमुख  इस क्षेत्र में ख़राब सुरक्षा वातावरण है। पाकिस्तानी संचार बुनियादी ढांचे के अलावा चीनी कंपनियों और चीनी नागरिकों पर बलूच सशस्त्र समूहों द्वारा स्थानीय विरोध और बड़े पैमाने पर हमलों ने दक्षिण एशियाई राष्ट्र में निवेशकों का विश्वास कम कर दिया है।

इन समस्याओं को पाकिस्तान की धीमी गति से चलने वाली नौकरशाही, एक तीव्र स्थानीय संघर्ष और घटते विदेशी मुद्रा भंडार जैसी समस्यायें और बढ़ा देती हैं। बैरिक और विभिन्न पाकिस्तानी एजेंसियों के बीच सुलझाये जाने वाले अन्य मुद्दों में भूमि स्वामित्व और कॉर्पोरेट सामाजिक ज़िम्मेदारी (सीएसआर) समझौते शामिल हैं।

पाकिस्तान को खनन कंपनी को एक ऐसे क्षेत्र में भी बिजली प्रदान करनी होती है, जहां बिजली की बहुत कम सुविधा है। अपने सबसे बड़े, लेकिन इस सबसे ग़रीब प्रांत में संसाधनों की कमी के कारण पाकिस्तान अपनी बलूच आबादी के घरेलू उपयोग के लिए ईरान से बिजली आयात करता रहा है।

परिवहन और संचार सुविधाओं की यहां बहुत अभाव है, वहीं बलूचिस्तान में हवाई पट्टी को बैरिक गोल्ड अधिकारियों द्वारा उपयोग के लिए उन्नत किया जाना है, एक सड़क नेटवर्क को इस खनन क्षेत्र को ग्वादर पोर्ट से जोड़ना है और पाकिस्तान को पाकिस्तान रेलवे को बैरिक गोल्ड प्रोजेक्ट साइट के साथ जोड़ने के लिए एक रेलवे लाइन का निर्माण करना है।

यहां तक कि बलूच सशस्त्र समूहों ने कनाडाई खनन कंपनी के साथ-साथ चीनी नागरिकों को अपने क्षेत्र में निवेश न करने की चेतावनी दी है, लेकिन नक़दी का सामना कर रहा पाकिस्तान इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। यहां तक कि पाकिस्तानी अधिकारियों को पाकिस्तान में अपने नागरिकों के लिए ख़राब सुरक्षा को लेकर बीजिंग में फटकार लगायी गयी है, बैरिक गोल्ड के अध्यक्ष मार्क ब्रिस्टो को रेको दीक परियोजना को लेकर कनाडा में नाराज़ कार्यकर्ताओं और पर्यावरण समूहों का सामना करना पड़ रहा है।